नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में शुक्रवार से रेजिडेंट डाक्टर एक बार फिर अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर रहे हैं। इस वजह से अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान को छोड़कर सफदरजंग, आरएमएल, जीबी पंत, आरएमएल, जीटीबी, लेडी हार्डिंग मेडिकल कालेज से जुडे़ अस्पतालों सहित दिल्ली के सभी बडे़ अस्पतालों में ओपीडी और इमरजेंसी सहित सभी चिकित्सा सुविधा प्रभावित रहेगी। ऐसे में मरीजों की मुश्किलें बढ़ सकती है और इमरजेंसी में गंभीर मरीजों का इलाज मिलना भी मुश्किल हो सकता है।

गौरतलब है कि पीजी-नीट की काउंसलिंग जल्द कराने की मांग को लेकर फेडरेशन आफ रेजिडेंट डाक्टर्स एसोसिएशन (फोर्डा) ने इस हड़ताल की घोषणा की है। इसके बाद सभी बडे़ अस्पतालों के रेजिडेंड डाक्टर्स एसोसिएशन ने अस्पतालों के प्रबंधन को जानकारी दे दी है कि रेजिडेंड डाक्टर सुबह नौ बजे से चिकित्सा सुविधा ठप करेंगे और वे ड्यूटी पर मौजूद नहीं रहेंगे।

उल्लेखनीय है कि पीजी-नीट में ओबीसी व ईडब्ल्यूएस (आर्थिक रूप से कमजोर) वर्ग के लिए आरक्षण लागू होने के मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका लंबित है। इस वजह से पीजी-नीट की काउंसलिंग स्थगित है। इससे रेजिडेंट डाक्टर नाराज हैं। इस वजह से पहले 27 नवंबर से हड़ताल शुरू किया था। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से बातचीत के बाद फोर्डा नौ नवंबर को एक सप्ताह के लिए हड़ताल स्थगित की थी। एक सप्ताह बाद दोबारा रेजिडेंड डाक्टर हड़ताल शुरू कर रहे हैं। फोर्डा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डाक्टर मनीष ने बताया कि इस बार रेजिडेंट डाक्टर ओपीडी व इमरजेंसी सेवाओं का एक साथ बहिष्कार करेंगे।

यहां पर बता दें कि फोर्डा के आह्वान पर इसी महीने 3 दिसंबर से डाक्टरों ने हड़ताल की थी, जिसके कारण लोगों को इलाज के लिए बहुत परेशान होना पड़ा था। इलाज न मिलने से कई मरीजों की मौत भी हो गई थी। सप्ताह भर चली हड़ताल के बाद मरीजों की परेशानी को देखते हुए फोर्डा ने नौ दिसंबर से एक सप्ताह के लिए हड़ताल पर अस्थायी रोक लगाई थी। वहीं मांगें नहीं माने जाने पर डाक्टरों ने शुक्रवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की घोषणा की है।