Income Tax Return: आज 2019-20 का Income Tax Return भरने की है अंतिम तारीख, तो इस तरह उठाना पड़ेगा भारी नुकसान
नई दिल्ली । वित्त वर्ष 2019-20 या आकलन वर्ष 2020-21 का विलंबित इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने की समयसीमा बुधवार यानी 31 मार्च को समाप्त हो जाएगी। अगर आप इस मियाद तक इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल नहीं कर पाते हैं तो चालू वित्त वर्ष में हुए नुकसान को अगले वित्त वर्ष में कैरी फॉरवर्ड नहीं कर पाएंगे। इतना ही नहीं अगर आपकी टैक्स देनदारी एक सीमा से ज्यादा बैठती है और 31 मार्च की समयसीमा तक अगर आप जुर्माने की रकम के साथ भी इनकम टैक्स रिटर्न नहीं भरते हैं तो इनकम टैक्स विभाग आपके ऊपर कड़ी कार्रवाई कर सकता है।
उल्लेखनीय है कि जो व्यक्ति इनकम टैक्स विभाग द्वारा तय समयसीमा तक किसी वजह से इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल नहीं कर पाता है, उसे विलंब शुल्क भरना होता है। यह विलंब शुल्क इस बात पर निर्भर करता है कि आपने इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने में कितनी देरी की है और आपकी आय कितनी है। पांच लाख रुपये से अधिक की सालाना आमदनी वालों को सामान्य तौर पर पिछले वित्त वर्ष का आईटीआर भरने के लिए 31 अगस्त तक की समयसीमा मिली होती है। एक सितंबर से 31 दिसंबर के बीच इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने पर 5,000 रुपये का विलंब शुल्क देना होता है। वहीं, एक जनवरी से 31 मार्च के बीच 10,000 रुपये का विलंब शुल्क जमा करना पड़ता है।
अगर आपकी आमदनी टैक्सेबल इनकम के दायरे में आती है और आप 31 मार्च तक भी इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल नहीं कर पाते हैं तो आपको गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।
टैक्स एंड इंवेस्टमेंट एक्सपर्ट बलवंत जैन के मुताबिक अगर टैक्सपेयर की आमदनी टैक्सेबल इनकम के दायरे में आती है और वह इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल नहीं करता है तो उसपर टैक्स की राशि के 50 फीसद से 200 फीसद तक के बराबर रकम का जुर्माना लगाया जा सकता है। उन्होंने साथ ही बताया कि अगर कोई व्यक्ति 25,000 से ज्यादा की टैक्स चोरी करता है तो उसे छह माह से सात साल तक की सजा हो सकती है। वहीं, अगर कोई 25,000 रुपये से कम की टैक्स चोरी करता है तो उसे दो साल तक की सजा हो सकती है।