बजरंग दल शोर्य प्रशिक्षण शिविर का उद्घाटन

- देवबंद में एटीएस सेंटर की स्थापना में बजरंग दल की विशेष भूमिका: विकास त्यागी
देवबंद [24CN]: बजरंग दल के प्रांतीय प्रशिक्षण वर्ग का शुक्रवार को भायला इन्टर कॉलेज में भव्यता के साथ उद्घाटन हुआ। शिविर में बजरंग दल के राष्ट्रीय संयोजक सोहन सोलंकी, विश्व हिन्दू परिषद के प्रांत संगठन मंत्री नागेंद्र, बजरंग दल के प्रांत संयोजक विकास त्यागी व सिद्धपीठ श्री त्रिपुरी माँ बाला सुंदरी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष पंडित सतेन्द्र शर्मा ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर शिविर का शुभारंभ किया।
प्रांत संयोजक विकास त्यागी जी ने शिविर में आए सभी प्रशिक्षुओं को सभी पदाधिकारियों का परिचय कराने के बाद कहा कि देवबंद में एटीएस सेंटर की स्थापना में बजरंग दल की विशेष भूमिका है। सोहन सोलंकी ने कहा कि सभी प्रशिक्षुओं को बहुत लगन व धर्यपूर्वक प्रशिक्षण प्राप्त करना है। उन्होंने बजरंग दल की स्थापना पर प्रकाश डालते हुए कहा कि बजरंग दल की स्थानपना प्रभु श्रीराम के मंदिर निर्माण के लिए की गई थी, जिस कार्य का संगठन ने बहुत ही जिम्मेदारी पूर्ण निर्वहन किया। उन्होंने कहा कि बजरंग दल ने तब अमरनाथ यात्रा की थी जब 1996 में घाटी हिंदुओं से खाली हो गई थी और आतंकियों ने अमरनाथ यात्रा बंद करने की चेतावनी दी थी। उन्होंने बालीवूड फिल्मों के नामों का उदाहरण देकर कहा कि देश में हिंदुओं को बदनाम करने का षड्यन्त्र बहुत समय से चल रहा है, हमे संगठित हो कर इस षड्यन्त्र का मुकाबला करना है। उन्होंने बालीवूड पर देश के युवाओं को भ्रमित करने का आरोप लगाया।
उन्होंने प्रशिक्षण प्राप्त करने आए बजरंगियों को वीर सावरकर के बारे में भी जानकारी दी, बताया कि उन्होंने किस प्रकार अंग्रेजों की यातनायें सही। उन्होंने देश की आजादी में योगदान देने वाले असंख्य क्रांतिकारियों को भी याद कर चंद्रशेखर आजाद, भगत सिंह, चापेकर बंधुओं आदि के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि षड्यन्त्र के तहत ही गीता के सार की गलत व्याख्या की गई जबकि गीता जी में भगवान श्री कृष्ण कहते है कि कर्म करो, पुरुषार्थ करो और निश्चय कर धर्म की स्थापना करो।
प्रांत संयोजक विकास त्यागी ने सोहन सोलंकी को पटका पहनाकर सम्मानित किया। डॉ वीरेंद्र चौधरी सर्व व्यवस्था प्रमुख व अमित वशिष्ठ व्यवस्था प्रमुख ने पंडित सतेन्द्र शर्मा को पटका पहनाकर सम्मानित किया। जिला संयोजक बजरंग दल के अक्षय धीमान नागेंद्र को सम्मानित किया। शिविर की व्यवस्थाओ में गौरव भटनागर जी, बृजेश जी, नेपाल जी, रोहित जी, मोंकित पुंडीर, यशपाल जी, अतुल सैनी जी, नरेंद्र जी भायला, दिग्विजय शर्मा, दीपक शर्मा आदि स्वयंसेवको का योगदान रहा।