सांसदों के लिए 184 नए फ्लैटों का उद्घाटन, PM Modi बोले- कुछ लोगों को ‘कोसी’ में बिहार चुनाव दिखेगा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को दिल्ली के बाबा खड़क सिंह मार्ग पर सांसदों के लिए नवनिर्मित 184 टाइप-VII बहुमंजिला फ्लैटों का उद्घाटन किया। इस परियोजना का उद्देश्य सांसदों के लिए पर्याप्त आवास की तीव्र कमी को दूर करना और ऊर्ध्वाधर आवास प्रारूप में आधुनिक, पर्यावरण-अनुकूल आवास प्रदान करना है। उद्घाटन के एक भाग के रूप में, प्रधानमंत्री ने परिसर में सिंदूर का पौधा लगाया, निर्माण कार्य में शामिल श्रमजीवियों से बातचीत की और उपस्थित जनसमूह को संबोधित किया।
इस दौरान मोदी ने कहा कि अभी कुछ ही दिन पहले मैंने कर्तव्य पथ ओर सामान्य केंद्रीय सचिवालय यानी कर्तव्य भवन का लोकार्पण किया था। आज मुझे संसद में अपने सहयोगियों के लिए इस रिहायशी कॉम्प्लेक्स के उद्घाटन का अवसर मिला है। उन्होंने कहा कि इन 4 टावर्स के नाम भी बहुत सुंदर हैं। कृष्णा, गोदावरी, कोसी, हुगली, भारत की चार महान नदियां, जो करोड़ों लोगों को जीवन देती हैं। अब उनकी प्रेरणा से हमारे जन प्रतिनिधियों के जीवन में भी आनंद की नई धारा बहेगी।
विपक्ष पर तंज कसते हुए मोदी ने कहा कि कुछ लोगों को परेशानी भी होगी। कोसी नदी पर नाम रखा है, तो उनको कोसी नदी नहीं दिखेगी, उनको बिहार का चुनाव नजर आएगा। ऐसे छोटे मन के लोगों के मन की परेशानियां भी दिखेंगी। नदियों के नामों की परंपरा देश की एकता के सूत्र में हमें बांधती है। उन्होंने कहा कि हमारे सांसद साथी जिस नए आवास में प्रवेश करेंगे, अभी मुझे उसका एक नमूना फ्लैट देखने का भी मौका मिला। मुझे पुराने सांसद आवासों को देखने का मौका भी मिलता रहा है। पुराने आवास जिस तरह बदहाली का शिकार होते थे, सांसदों को जिस तरह आए दिन परेशानियों का सामना करना पड़ता था। नए आवासों में गृह प्रवेश के बाद उनसे मुक्ति मिलेगी। सांसद साथी अपनी समस्याओं से मुक्त रहेंगे, तो वो अपना समय और अपनी ऊर्जा और बेहतर तरीके से जनता की समस्याओं के समाधान में लगा पाएंगे।
दिल्ली में नवनिर्मित टाइप VII आवास के बारे में सब कुछ
– नए टाइप-VII आवासीय परिसर को एक आत्मनिर्भर सुविधा के रूप में डिज़ाइन किया गया है, जो सांसदों की आवासीय और आधिकारिक, दोनों आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित है।
– राजधानी में सीमित भूमि उपलब्धता के कारण वर्टिकल हाउसिंग पर ज़ोर दिया गया है। इसका उद्देश्य दीर्घकालिक रखरखाव लागत को कम रखते हुए भूमि उपयोग को अनुकूलित करना था।
– एक सरकारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि प्रत्येक फ्लैट में लगभग 5,000 वर्ग फुट का कारपेट एरिया है, जिसमें कार्यालयों, कर्मचारियों के आवास और आवासीय उद्देश्यों के लिए समर्पित खंड हैं।
– हालाँकि, रिपोर्ट्स बताती हैं कि नए फ्लैट टाइप-VIII बंगलों से भी ज़्यादा विशाल हैं, जो सरकारी आवास की शीर्ष श्रेणी में आते हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया ने एक सूत्र के हवाले से बताया: “इन फ्लैटों में टाइप-VIII बंगलों से ज़्यादा जगह है, जो शीर्ष श्रेणी में आते हैं।”
– इस इमारत में परिसर के भीतर एक सामुदायिक केंद्र भी है, जो सांसदों के सामाजिक और आधिकारिक कार्यक्रमों के लिए एक केंद्र के रूप में काम करेगा।
– इसमें हरित तकनीक का इस्तेमाल किया गया है, यह GRIHA 3-स्टार रेटिंग का पालन करता है, और राष्ट्रीय भवन संहिता (NBC) 2016 का अनुपालन करता है।
– एक सरकारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, यह बहुमंजिला इमारत मोनोलिथिक कंक्रीट और एल्युमीनियम शटरिंग से निर्मित है।
– सभी इमारतों को आधुनिक संरचनात्मक मानदंडों के अनुसार भूकंपरोधी बनाया गया है। निवासियों की सुरक्षा के लिए एक मज़बूत सुरक्षा प्रणाली भी लागू की गई है।
– पूरा परिसर दिव्यांगों के अनुकूल है, जो आवास डिजाइन के प्रति समावेशी दृष्टिकोण को दर्शाता है।