नकुड में चल रही रामलीला में श्रीराम के वन गमन व राजा दशरथ मरण के मंचन से दर्शक हुए भावविहल

नकुड में चल रही रामलीला में श्रीराम के वन गमन व राजा दशरथ मरण के मंचन से दर्शक हुए भावविहल
  • नकुड में चल रही रामलीला का दृश्य

नकुड [इंद्रेश]। नगर में चल रही रामलीला मे बीती रात रामवन गमन के बाद अयोध्या में राजा दशरथ के मरण के प्रसंग का मंचन किया गया। कलाकारो के जीवंत मंचन से दर्शक भावविभोर हो गये।
चैत्र मास में अष्टमी को शुरू हुई रामलीला अब भगवान राम के वनगमन के बाद अयोध्या की दयनीय हालत पर पहुच गयी है। रानी कैकयी द्वारा राजा दशरथ से तीन वर मांगने के साथ ही अयोध्या की दुर्दशा शुरू हो गयी। रानी ने भरत को अयोध्या का राज्य , श्री राम को चैदह वर्ष का वनवास मांगा तो राजा दशरथ के साथ ही पूरी अयोध्या में शेाक छा गया। भगवान राम को पिता की आज्ञा का पता चला तो वे वन गमन की तैयारी करने लगे। उनके साथ सीता जी व छोटे भाई लक्ष्मण भी वन जाने को तैयार हेा गये।

भगवान राम के वनगमन की जानकारी अयोध्यावासियो को लगी तो पूरे नगर में शोक व्याप्त हो गयां ।अयोध्यावासी भी भगवान श्रीराम के साथ वन की चले। राजा ने सचिव सुमंत को श्री राम सीता व लक्ष्मण को वन का दर्शन कराकर वापस लाने को भेजा । पंरतु राम सुमंत व अयोध्यावासियों को छोडकर गंगापार कर वन को चले गये। राजा दशरथ को सुमंत ने यह सूचना दी तो वे श्रीराम को वियोग नंही सह सके । उन्होने अपने प्राण त्याग दिये। अयोध्या व राजा दशरथ की मनोदशा के मार्मिक मंचन से दर्शक भावविहल हो गये।

इस मौके पर रामलीला कमेटी के प्रधान भूपेंद्र गुप्ता, महामंत्री वरूण मिततल, कोषाध्यक्ष सतीश गर्ग, अक्षय सिंघल, साहिल सिंघल, राकेश भारद्वाज, पवन गुप्ता आदि उपस्थित रहे।