पुलिस की मौजूदगी में कराया 50 हजार के इनामी का अंतिम संस्कार, ग्रामीणों ने मुठभेड़ पर उठाए सवाल
उत्तर प्रदेश के मेरठ जनपद में मुठभेड़ में मारे गए कुख्यात दीपक सिद्धू का पोस्टमार्टम के बाद पुलिस की मौजूदगी में बृहस्पतिवार रात को अंतिम संस्कार कराया गया। इस दौरान पुलिस की मुठभेड़ को लेकर ग्रामीणों में अलग-अलग चर्चा हैं। पुलिस ने दीपक का आपराधिक इतिहास निकाला है।
रोहटा क्षेत्र के लाहौरगढ़ रजवाहे पर बुधवार रात पुलिस के साथ मुठभेड़ में 50 हजार का इनामी दीपक सिद्धू निवासी गांव छबड़िया सरधना मारा गया था। बृहस्पतिवार को पुलिस ने इस मुठभेड़ की लिखा पढ़ी की। पुलिस ने मुठभेड़ के घटनास्थल का भी जायजा लिया। पुलिस ने बताया कि दीपक पर दर्जन भर से ज्यादा मुकदमें दर्ज थे। दीपक ने साल 2012 में अपराध की दुनिया में कदम रखा। उस पर पहला मुकदमा सरधना थाने में अपहरण का दर्ज हुआ। जिसके बाद लूट, हत्या व डकैती जैसे कई मामले दर्ज हुए। वर्ष 2014 में लूट, चोरी के मुकदमे दर्ज हुए। वर्ष 2015 में गैंगेस्टर एक्ट में मुकदमा दर्ज हुआ। साल 2018 में जानलेवा हमला व आर्म्स एक्ट का मुकदमा सरूरपुर थाने में दर्ज हुआ। वर्ष 2019 में सरधना थाने पर लूट के दो मुकदमें लिखे गए। सरधना में मोहल्ला महाराणा प्रताप नगर निवासी अंकुर भारद्वाज मर्डर में भी दीपक सिद्धू मुख्य हत्यारोपी नामजद था। जिसके बाद ही दीपक पर 50 हजार का इनाम हुआ था।
मुठभेड़ पर ग्रामीणों ने उठाए सवाल
पुलिस मुठभेड़ पर ग्रामीणों ने सवाल उठाए हैं। लोगों ने बताया कि बुधवार शाम चार बजे दीपक सिद्धू किनौनी मिल के पास देखा गया था। उसके बाद दीपक ने अपने दोस्त के साथ शराब भी पी। किसी बात को लेकर दीपक का दोस्त से विवाद भी हुआ था। जिसमें दीपक को कई चोटें लगना बताया गया। उसके बाद दीपक पुलिस की मुठभेड़ में कैसे मारा गया। दीपक को पुलिस ने सीएचसी में भी भर्ती कराया था। वहां भी डॉक्टरों से पुलिस की तीखी नोकझोंक होना बताया गया। हालांकि सीओ सरधना जितेंद्र सरगम का कहना कि दीपक अपने एक साथी के साथ रोहटा क्षेत्र के लाहौरगढ़ रजवाहे पर लूटपाट कर रहा था। इसी सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची थी। पुलिस के पहुंचने से पहले वह भाग गया था। पुलिस ने वहां पर चेकिंग अभियान शुरू किया। इसी दौरान वह अपने एक साथी के साथ बाइक से आ रहा था। पुलिस ने उसको रुकने का इशारा किया, लेकिन उसने पुलिस टीम पर फायरिंग कर दी। जवाबी कार्रवाई में उसको गोली लगी है। उपचार के दौरान जिला अस्पताल में उसकी मौत हो गई।
हाईस्कूल पास था दीपक
दीपक के परिवार में माता पिता और एक बहन हैं। पिता किसान हैं। दीपक की बहन पूजा फरीदाबाद में एडवोकेट हैं। दीपक हाईस्कूल तक ही शिक्षा प्राप्त कर सका। वहीं, गांव के अधिकतर लोग उसके व्यवहार से खुश नहीं थे।