लॉकडाउन में धरती को भूल जरा आकाश को निहारिये, देखें कई दुर्लभ नजारे

कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन के चलते मिली फुरसत और इसी लॉकडाउन की वजह से पर्यावरण के साफ होने से इन दिनों तमाम प्राकृतिक नजारे ज्यादा साफ और अधिक दूरी से नजर आने लगे हैं। प्रकृति ने भी इस माह तमाम आकर्षक आकाशीय घटनाओं की तैयारी कर रखी है। ये घटनाएं आकर्षक होने के साथ ही बहुत ही छोटे अंतराल में घटित होंगी। अप्रैल माह का दूसरा पखवाड़ा इतने सारे बेहतरीन नजारे प्रस्तुत करने वाला है कि इन घटनाओं में रूचि रखने वाले विश्व के सबसे बड़े संगठन एस्ट्रोनॉमर्स विदाउट बॉर्डर्स ने इस महीने को ग्लोबल एस्ट्रोनॉमी मंथ घोषित कर दिया है।

धरती से तो इन दिनों अच्छी खबरें आ नहीं रहीं, ऐसे में ये और भी अच्छा मौका है कि अंतरिक्ष के इन दुर्लभ आकर्षक नजारों में ही सुकून तलाशा जाए। अगले दो सप्ताह के दौरान आकाश में एक नया कॉमेट,  टूटते तारों की वर्षा यानी उल्कापात, शुक्र ग्रह के सर्वाधिक चमकीले होने की घटना सहित अर्धचंद्र की विभिन्न चमकदार ग्रहों के साथ आकर्षक युति देखने को मिलेगी। शुक्रवार 17 अप्रैल को सूर्योदय से ठीक पहले क्रेसेन्ट मून यानी अर्धचंद्र की तीन चमकदार ग्रहों मंगल, शनि और बृहस्पति के साथ आकर्षक युति नजर आएगी जो फोटोग्राफी के शौकीनों के लिए का एक बेहतरीन अवसर होगा।

उल्काओं की तीव्र बौछार नजर आएगी
हाल ही में खोजा गया और तेजी से पृथ्वी की ओर बढ़ रहा एटलस कॉमेट शनिवार 18 अप्रैल से सुदूर अंतरिक्ष में नजर आने लगेगा। हांलाकि इसके लिए अभी दूरबीन की आवश्यकता होगी। यह कॉमेट मई के तीसरे सप्ताह में पृथ्वी के सर्वाधिक निकट आने वाला है जब यह आकाश में बेहद चमकदार नजर आएगा।

वैज्ञानिक इसे लेकर बेहद उत्साहित हैं और लगातार इसका अध्ययन कर रहे हैं। हांलांकि  वैज्ञानिकों के एक तबके का यह भी दावा है कि यह चार भागों में बंट गया है और इसकी चमक फीकी पड़ रही है। लेकिन इस रहस्य से भी अगले हफ्तों में पर्दा उठ जायगा।

इस बीच 16 अप्रैल से लिरियड उल्कापात प्रारम्भ हो चुका है जो 28 अप्रैल तक चलेगा लेकिन  थैचर कॉमेट द्वारा अंतरिक्ष में छोड़े गए कणों के कारण होने वाला यह उल्कापात 22 अप्रैल की सूर्योदय से पूर्व अपने चरम पर होगा जब आकाश में तेज चमक लिए प्रति घंटे लगभग 22 उल्काओं की तीव्र बौछार नजर आएगी।
अंतरिक्ष दर्शन का बेहतरीन मौका
24 अप्रैल को आकाशगंगा पिनव्हील और व्हर्लपूल का दुर्लभ नजारा दिखाई देगा जो अपनी विशिष्ट आकृति के कारण खगोल प्रेमियों का प्रिय हैं। 26 अप्रैल को अर्धचंद्र चमकदार ग्रह शुक्र के बेहद नजदीक होने से आकर्षक दृश्य प्रस्तुत करेगा, जबकि 27 को अर्धचंद्र का मध्यम चमक वाले तारों तेजत, प्रोपस और जेमीनोरम के साथ आकर्षक संयोजन नजर आएगा।

इसी रात से शुक्र ग्रह वर्ष में सर्वाधिक चमक के साथ नजर आने लगेगा और जो सूर्य और चंद्रमा के बाद आकाश में सर्वाधिक चमकीला पिंड दिखाई देगा। 28 अप्रैल से अपनी विशिष्ट स्थिति के कारण चंद्रमा के कुछ क्रेटरों की परिधि खास चमक के साथ नजर आएगी जो वैज्ञानिकों के लिए इनके अध्ययन का खास अवसर होगा।

आर्य भट्ट शोध एवं प्रेक्षण विज्ञान संस्थान एरीज के वैज्ञानिक डा. शशिभूषण पांडे का कहना है कि अप्रैल का महीना यों भी अंतरिक्ष का दर्शन और अध्ययन करने का बेहतर अवसर होता है इस बार पर्यावरण के अपेक्षाकृत अधिक साफ होने के कारण तमाम आकाशीय घटनाएं और भी आकर्षक लग रही हैं।

 


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