जमीनी विवाद में एक परिवार के लोगों ने इंसाफ न मिलने का लगाया आरोप

जमीनी विवाद में एक परिवार के लोगों ने इंसाफ न मिलने का लगाया आरोप
  • पीडित परिवार से बातचीत करती पुलिस

देवबंद [24CN]: विगत तीन दशकों से चल रहे जमीनी विवाद में एक परिवार के लोगों ने इंसाफ न मिलने का आरोप लगाते हुए मिटटी का तेल छिडककर आत्मदाह करने का प्रयास किया। पीडित परिवार का यह कहना था कि तीन दशको से वह कोर्ट कचहरी व थाना पुलिस के चक्कर काट रहे है और मामला न्यायालय में विचाराधीन है उसके बावजूद भी दुसरे पक्ष के लोग दबंगई दिखाकर उनकी जमीन पर निमार्ण कर रहे है। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और आधा दर्जन लोगों को हिरासत में ले लिया।

कोतवाली क्षेत्र के गांव सांपला खत्री निवासी तौफीक का गांव के ही शहजाद और मुनीर पक्ष के साथ विगत 25 वर्षों से जमीनी विवाद चल रहा है। जिसको लेकर दोनों पक्षों में हमेशा से ही तनातनी की स्थिति रहती है। तौफिक पक्ष का आरोप है कि शहजाद पक्ष के लोग विगत डेढ़ वर्ष से विवादित जमीन पर मकान का निर्माण कर रहे हैं। जिसके चलते उन्होंने पूरे प्रकरण की शिकायत एसडीएम देवबंद के यहां की थी। जिस पर एसडीएम द्वारा मामले की जांच होने तक कार्य को बीच में ही रोकने के दिशा निर्देश दिए थे। रविवार को शहजाद पक्ष के लोगों ने फिर से विवादित भूमि पर मकान का निर्माण शुरू कर दिया। जिसके चलते दोनों पक्षों में कहासुनी हो गई। कार्रवाई ना होने से गुस्साए तौफिक ने अपने तीन बच्चों के साथ विवादित भूमि पर पहुंच स्वयं व बच्चों के ऊपर मिट्टी का तेल छिड़क दिया, और आग लगाने का प्रयास किया। गांव में आत्मघाती सूचना मिलते ही स्थानीय प्रशासन में हड़कंप मच गया।

सूचना मिलते ही गोपाली पुलिस चौकी प्रभारी धीरज सिंह पुलिस के साथ गांव पहुंचे और दोनों पक्षों के 6 लोगों को हिरासत में ले लिया। पुलिस ने दोनों पक्षों के लोगों को कोतवाली में लाकर बैठा दिया। वही, तोफिक पक्ष के लोगों का आरोप है कि स्थानीय पुलिस पूरे प्रकरण में उनके साथ अन्याय कर रही है। राजस्व विभाग के एक कानूनगो समेत कुछ लोगों पर एकतरफा कार्रवाई का आरोप लगाया है। उधर, प्रभारी निरीक्षक योगेश शर्मा ने बताया मामले की जांच की जा रही है। जमीन से संबंधित दस्तावेज मंगाए गए हैं। कानून के अनुसार पूरे मामले में कार्यवाही की जाएगी।

पीड़ितों ने राजस्व निरीक्षक पर लगाए गंभीर आरोप

तोफिक के भतीजे रिजवान ने बताया गांव में पूरे प्रकरण को लेकर कई बार बैठकों का दौर भी हो चुका है। लेकिन दूसरा पक्ष उनकी जमीन छोड़ने को तैयार नहीं हुआ। ऊपर से उन्हें कब्रिस्तान के बराबर में दूसरी जमीन देने की बात कही जा रही है। जिसे वह कभी भी नहीं लेंगे। उन्होंने स्थानीय प्रशासन से पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच कराने की भी मांग की।