मानव योनि मे जीव को कर्म करने का अधिकार मिलता है- भगवती प्रसाद शुक्ल

मानव योनि मे जीव को कर्म करने का अधिकार मिलता है- भगवती प्रसाद शुक्ल
भगवती प्रसाद शुक्ल

नकुड 3 जून इंद्रेश। आचार्य भगवती प्रसाद शुक्ल ने कहा है कि मानव योनि मे ही जीव को कर्म करने का अधिकार प्राप्त होता है। देवता भी मानव योनि के लिये लालायित रहते है।
यंहा महादेव मंदिर मे श्री राधे गोविंद सेवा समिति द्वारा आयोजित भागवत कथा मे श्रद्धालुओ के समक्ष भागवत की महिमा का वर्णन कर रहे थे। कहा कि 84 लाख योनियो के बाद मुनष्य जन्म मिलता है। इस बीच जीव को देव योनि भी प्राप्त होती है। पंरतु जीव कर्म का अधिकार सिर्फ मनुष्य योनि मे ही मिलता है। मनुष्य अपने कर्म से ही देव बन सकता है ओर वह अपने कर्म से ही राक्षस भी बन सकता है । यह उसके कर्म होते है जो उसे ईश्वर के नजदीक या दूर ले जाते है।

भागवत कथा मे उपस्थित श्रद्धालु

उन्होंने भागवत कथा का सार बताते हुए कहा कि भागवत कथा भगवान श्री कृष्ण की संपूर्ण कथा है। इसमे 18 हजार श्लोक है । जो भगवान को समर्पित है। कथा के दुसरे दिन बडी संख्या मे श्रद्धालु कथा का रसस्वादन करने के लिये पहुचे । दुसरे दिन की कथा के यजमान अश्वनी गर्ग व सारिका गर्ग ने विधिवत भागवत पूराण का पूजन किया ।

इस मौके पर मनोज गोयल, आलोक जैन , हरीश गर्ग, विजय त्यागी, पंकज जैन, राजेश जैन राजू, मनोज धीमान, दीपक गोयल , राजन शर्मा, नरेश गोयल, विनीत शर्मा, नवदीप मिततल, सचिन शर्मा, सन्नी शर्मा आदि उपस्थित रहे।