चंद्रशेखर हमला प्रकरण में पुलिस ने किया अज्ञात बदमाशों के खिलाफ मुकदमा दर्ज, गाड़ी बरामद

चंद्रशेखर हमला प्रकरण में पुलिस ने किया अज्ञात बदमाशों के खिलाफ मुकदमा दर्ज, गाड़ी बरामद
  • सहारनपुर में जिला चिकित्सालय में आसपा प्रमुख चंद्रशेखर आजाद का हालचाल जानते रालोद पदाधिकारी।

सहारनपुर। आजाद समाज पार्टी के संस्थापक व राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद पर विगत दिवस देवबंद में हुए जानलेवा हमले के मामले में पुलिस ने अज्ञात बदमाशों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उनकी तलाश शुरू कर दी है।

उधर आज दूसरे दिन भी कांग्रेस, राष्ट्रीय लोकदल, समाजवादी पार्टी के नेताओं के अलावा पहलवान साक्षी मलिक ने सहारनपुर पहुंचकर आसपा प्रमुख चंद्रशेखर आजाद के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली तथा इस घटना को निंदनीय बताते हुए शीघ्र ही गिरफ्तार किए जाने की मांग की।

गौरतलब है कि भीम आर्मी के चीफ व आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद पर देवबंद में आयोजित तेरहवीं कार्यक्रम से वापस लौटते समय कार सवार युवकों द्वारा अंधाधुंध फायरिंग की गई थी जिसमें चंद्रशेखर आजाद बाल-बाल बच गए थे तथा छर्रे लगने से घायल हो गए थे। चंद्रशेखर आजाद पर जानलेवा हमले की जानकारी मिलते ही पुलिस प्रशासन में हड़कम्प मच गया था तथा आसपास प्रमुख चंद्रशेखर आजाद को देवबंद के अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद सहारनपुर जिला मुख्यालय के आईसीयू में शिफ्ट कर दिया गया था जहां बीती रात्रि एक्सरे व अन्य जांच पूरी कर ली गई थी। इस मामले में देवबंद कोतवाली पुलिस ने आसपा प्रमुख चंद्रशेखर आजाद के सहयोगी मनीष कुमार की तहरीर पर अज्ञात हमलावरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी।

उधर देर रात्रि ही भारी संख्या में आसपा व भीम आर्मी के कार्यकर्ता जिला अस्पताल पहुंच गए थे तथा चेतावनी दी थी कि यदि 12 घंटे के अंदर आसपा प्रमुख के हमलावरों को गिरफ्तार नहीं किया गया तो भीम आर्मी के कार्यकर्ता स्वयं हमलावरों का पता लगाने का काम करेंगे जिन्हें एसपी सिटी अभिमन्यु मांगलिक ने बामुश्किल समझा-बुझाकर शांत करते हुए आसपा प्रमुख के हमलावरों की शीघ्र गिरफ्तारी का आश्वासन दिया था। जबकि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौ. राकेश टिकैत समेत विभिन्न राजनीतिक दलों से जुड़े व्यक्तियों ने चंद्रशेखर आजाद पर हमले को निंदनीय बताते हुए प्रदेश सरकार की कानून-व्यवस्था पर सवालिया निशान उठाया था।