फिरोजपुर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सुरक्षा में चूक की जांच के लिए फिरोजपुर पहुंची केंद्रीय गृह मंत्रालय की टीम ने शुक्रवार को एडीजीपी साइबर क्राइम नागेश्वर राव से 50 मिनट तक पूछताछ की।केंद्र की जांच टीम सुबह करीबन 10.20 पर फिरोजपुर के गांव प्यारेआना के उस फ्लाईओवर पर पहुंची, जहां बुधवार को किसानों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का काफिला रोका था। 40 मिनट तक चली जांच में अधिकारियों ने फ्लाईओवर के उन प्वाइंट की जांच की, जहां से किसान मुख्य मार्ग पर चढ़े थे। इसके बाद बीएसएफ हेडक्वार्टर फिरोजपुर में जांच टीम की सेक्रेटरी (सिक्योरिटी) कैबिनेट सेक्रेट्रीएट सुधीर कुमार सक्सेना लीड कर रहे थे।आइबी के ज्वाइंट डायरेक्टर बलबीर सिंह, एसपीजी के आइजी एस सुरेश टीम में शामिल थे।

केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेशों पर गठित कमेटी शुक्रवार को सुबह चार बजे बीएसएफ हेडक्वार्टर पहुंच गई थी।टीम ने नेशनल हाईवे सहित बीएसएफ, पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों के साथ करीब 40 मिनट तक रोड के नक्शे को लेकर गहनता से जांच की। गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने वायरल हुई वीडियो फुटेज और फोटो के आधार पर उस जगह की रेकी की, जिस जगह पीएम की गाड़ी खड़ी रही, उसके आसपास की सुरक्षा व्यवस्था जांचने के बाद बुधवार को ड्यूटी पर तैनात पुलिस अधिकारियों और मुलाजिमों से भी पूछताछ की गई। जांच टीम ने स्पाट साइट पर यह पता लगाने की कोशिश की आखिर किस रास्ते से प्रदर्शनकारी किसानों का काफिला पुल पर चढ़ा और कितनी दूरी तक जाम लगा रहा। टीम द्वारा किए जा रहे सवालों के जवाब देने में पुलिस अधिकारी भी नाकाम दिख रहे थे।

उसके बाद टीम ने बीएसएफ हेडक्वार्टर में पुलिस अधिकारियों के साथ पूछताछ की। इस पूछताछ में फिरोजपुर सहित मोगा, बठिंडा, फरीदकोट के पुलिस अधिकारी बताए जा रहे हैं। एडीजीपी साईबर क्राइम नागेश्वर राव से टीम सदस्यों ने करीब 50 मिनट तक पूछताछ की। बेशक अधिकारियों ने मीडिया से दूरी बनाए रखी, लेकिन सूत्रों ने खुलासा किया है कि प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि इस पूरे मामले में पुलिस उच्चाधिकारियों की लापरवाही के कारण ही पीएम के काफिले को इंतजार कर वापस लौटना पड़ा।

जांच टीम ने हुसैनीवाला स्थित शहीदी स्थल का भी दौरा किया, जहां पर प्रधानमंत्री ने सबसे पहले शहीद-ए-आजम भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरू, बटुकेश्वर दत्त को श्रद्धासुमन अर्पित करने थे। टीम ने समाधि स्थल सहित उसके आसपास के वातावरण का भी दौरा किया।

पुलिस के 14 अधिकारी किए थे तलब

पीएम की सिक्योरिटी में सेंध के कारण पता करने के लिए जांच टीम ने पंजाब पुलिस के 14 अधिकारियों को बीएसएफ हेडक्वार्टर पहुंचने के निर्देश दिए थे। पंजाब के चीफ सेक्रेटरी अनिरुद्ध तिवारी को लिखे पत्र में ज्वाइंट सेक्रेटरी सिक्योरिटी डी साई अमुथा देवी ने डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपध्याय, एडीजीपी साइबर क्राइम नागेश्वर राव, एडीजीपी जितेंद्र जैन, आइजी पटियाला मुखविंदर सिंह छीन्ना, डीआइजी फिरोजपुर रेंज इंद्रबीर सिंह, डीआइजी फरीदकोट सुरजीत सिंह, डीसी फिरोजपुर दविंदर सिंह, एसएसपी फिरोजपुर हरमनदीप सिंह हांस, एसएसपी मोगा चरणजीत सिंह सोहल, कोटकपूरा के डयूटी मेजिस्ट्रेट वरिंदर सिंह, लुधियाना के ज्वाइंट कमिश्रर अंकुर महेन्द्रू, डीसी बठिंडा एपीएस संधू, एसएसपी बठिंडा अजय मलूजा सहित वीवीआइपी कंट्रोल रूम फिरोजपुर के इंचार्ज को 10 बजे बीएसएफ हेडक्वार्टर में पेश होने के निर्देश दिए थे।

एक-दूसरे पर डाल रहे जिम्मेदारी

सूत्रों ने बताया कि गृह मंत्रालय की टीम के सामने दस्तावेजों के साथ पेश हुए पुलिस अधिकारियों ने स्वयं को बचाने के लिए एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डालते रहे। टीम सदस्यों ने पुलिस के आफिशियल से सभी डाक्यूमेंट लेकर उनकी रीडिंग शुरू कर दी है, ताकि सही निर्णय पर पहुंचा जा सके।