बेंगलुरु भगदड़ में 11 मौतें: जश्न में मातम, जिम्मेदार कौन? सीएम सिद्धारमैया ने दी सफाई, विपक्ष ने साधा निशाना

बेंगलुरु। IPL में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) की जीत के बाद बुधवार को बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर जश्न के दौरान हुई भगदड़ में अब तक 11 लोगों की दर्दनाक मौत हो चुकी है, जबकि 33 घायल अस्पतालों में भर्ती हैं। इस हादसे पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गहरा शोक व्यक्त किया है। वहीं, कर्नाटक सरकार ने घटना की न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं और 15 दिनों के भीतर रिपोर्ट मांगी गई है।
कैसे मचा हड़कंप?
घटना स्टेडियम के गेट नंबर 6 के बाहर हुई, जब भारी संख्या में RCB समर्थक जीत का जश्न मनाने वहां पहुंच गए। अनुमान के मुताबिक, स्टेडियम की क्षमता 35,000 थी, लेकिन करीब 2-3 लाख लोग इकट्ठा हो गए, जिससे हालात बेकाबू हो गए। भीड़ ने गेट तोड़ दिए और भगदड़ मच गई।
इस हादसे के बाद जहां एक ओर अस्पतालों में घायल प्रशंसकों की चीख-पुकार मची है, वहीं स्टेडियम के बाहर बिखरे चप्पल-जूते इस त्रासदी की भयावहता बयान कर रहे हैं।
सियासत गर्म, सीएम की सफाई
इस हादसे को लेकर राजनीति भी गरमा गई है। विपक्ष ने आरोप लगाया कि हादसे के बाद भी सरकारी नेता सेल्फी और समारोह में व्यस्त रहे। इस पर मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने पलटवार करते हुए कहा,
“ऐसी घटनाएं कई जगह होती हैं। कुंभ मेले में भी 50-60 लोग मरे थे, तब हमने कोई बयानबाज़ी नहीं की। इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए।”
सीएम ने यह भी स्पष्ट किया कि स्टेडियम के बाहर का कार्यक्रम क्रिकेट एसोसिएशन द्वारा आयोजित किया गया था, ना कि सरकार द्वारा।
“हमने विधानसभा परिसर में कार्यक्रम करवाया था, जो शांतिपूर्ण रहा। स्टेडियम वाले कार्यक्रम की हमें जानकारी नहीं थी। मैं खुद वहां गया भी नहीं।”
किसकी थी लापरवाही?
घटना के बाद सवाल उठने लगे हैं कि कहीं RCB की जीत को भुनाने में जन सुरक्षा की अनदेखी तो नहीं हुई? विपक्ष ने सरकार को जिम्मेदार ठहराया तो सरकार ने आयोजन का जिम्मा क्रिकेट एसोसिएशन पर डाल दिया।
आईपीएल चेयरमैन अरुण धूमल का बयान
मामला गरमाने के बाद IPL चेयरमैन अरुण धूमल ने बयान जारी कर कहा कि,
“आगे से इस तरह के आयोजनों के लिए बेहतर इंतजाम किए जाएंगे ताकि ऐसी घटना दोबारा न हो।”
सरकार की राहत, लेकिन सवाल कायम
कर्नाटक सरकार ने मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है। बावजूद इसके, सबसे बड़ा सवाल यही है कि इस हादसे का असल जिम्मेदार कौन है? क्या यह एक व्यवस्थागत चूक थी या भीड़ का अनुमान न लगा पाने की लापरवाही?