नकुड मे चल रही रामलीला मे कलाकारो ने कुंभकरण व मेघनाद वध का सजीव मंचन किया

  • रामलीला का दृश्य

नकुड 21 अप्रैल इंद्रेश।  नगर मे चल रही रामलीला में कुंभकरण वध व श्रीरामजी के छोटे भाई लक्ष्मण द्वारा मेघनाद का वध करने के प्रसंग का सजीव मंचन किया गया।

वीरघातिनि शक्ति से मुर्छित लक्ष्मण जी को सुषेण वैद्य द्वारा संजीवनी बूटी देने के बाद लक्ष्मण जी की मूर्छा टूट गयी । यह समाचार जैसे ही रावण को मिला वह क्रोध से पागल हो गया। रावण विरूपाक्ष को कुभ्ंाकरण को जगाने के लिये भेजा। राक्षसो ने कई जतन करके कुंभकरण को जगाया तो वह अपने भाई रावण के पास पंहुचा। रावण ने कंुभकरण को लंका पर आई विपत्ति व दुश्मन सेना द्वारा राक्षस वीरो का संहांर करने की विस्तार से जानकारी दी।

कुंभकरण ने रावण को समझाया कि जानकी जी को श्री राम को लौटा दे। ओर लंका को बचा ले। पंरतु रावण नहीं माना। जिसके बाद कंुभकरण वानर सेना से युद्ध करने के लिये युद्ध के मैदान मे आया। पर्वत के समान आकार देख भयभीत वानर युुद्ध के मैदान से भागने लगे। जिसके बाद भगवान श्री राम स्वंय कुंभकरण से युद्ध करने के लिये मैदान मे उतरे आये। उन्होंने कुंभकरण पर दिव्य अस्त्रो का प्रयोग करके कुंभकरण का वध कर दिया। जिससे वानर सेना ने राहत की संास ली।

उधर कुंभकरण की वध का समाचार लंका मे राजदरबार मे पंहुचा तो मेंघनाद ने युद्ध की तैयारी शुरू कर दी। मेघनाद दिव्यास्त्र प्राप्त करने के लिये निकुंबला देवी को प्रशन्न करने लिये यज्ञ करने के लिये चला गया। मेघनाद के यज्ञ की सूचना रामादल मे पंहुची तो विभिषण भगवान श्री राम से कहा कि यदि मेघनाद का यज्ञ निर्विघ्न संपन्न हो गया तो वह अजय हो जायेगा। उसके यज्ञ को नष्ट करना होगा। तत्पश्चात भगवान राम ने लक्ष्मण को वानर योद्धाओ व विभिषण के साथ मेघनाद के यज्ञ को नष्ट करने व उसका वध करने के लिये भेजा।

लक्ष्मण जी ने मेघनाद के यज्ञ स्थल पर जाकर उसे युद्ध के लिये ललकारा। पंरतु वह यज्ञ से उठने को तैयार नही हुआ तो हनुमान जी ने वानर योद्धाओ के साथ मिलकर यज्ञ विध्वंस कर दिया। जिससे क्रोधित मेघनाद ने लक्ष्मण विभिषण व अन्य वानर योद्धाओ पर आक्रमण कर दिया। पंरतु इस बार लक्ष्मण के तीखे सायको ने मेघनाद का काम तमाम कर दियंा । मेधनाद के वध से लंका मे शोक छा गया। उधर वानर सेना विजयी होकर श्री लखन जी की जय के नारे लगाते हुए श्री राम के पास लौट आयी।

इससे पूर्व रामलीला का शुभारंभ धीरसिंह निंरकारी, दीपक ंिसह, विनोद सर्राफ, संिचत मिततल, राजीव धीमान, आदि ने गणेश ंवदना कर व दीप प्रज्जवलित कर किया। इस मोके पर महोत्सव समिति के संरक्षक मनोज गोयल, प्रधान हरीश गर्ग, उपप्रधान पंकज जैन, महामंत्री वरूण मिततल, कोषाध्यक्ष विजेंद्र नारायण व अनिल आदि उपस्थित रहे।