रामलीला मे कलाकारो ने विभिषण के श्रीराम की शरण मे जाने व अंगद रावण संवाद का सजीव मंचन किया

रामलीला मे कलाकारो ने विभिषण के श्रीराम की शरण मे जाने व अंगद रावण संवाद का सजीव मंचन किया
  • नकुड मे चल रही रामलीला का दृश्य

नकुड 18 अप्रैल इंद्रेश।  नकुड मे चल रही रामलीला अब अंतिम पडाव मे है। बीतीरात रामलीला मे कलाकारो ने विभिषण को लंका से निकाले जाने व अंगद व रावण सवंाद के प्रसंग का शानदार मंचन किया। अंगद द्वारा रावण के दरबार मे पंाव जमाने के प्रंसग पर दर्शक भावविभोर हो गये।

लंका दहन के बाद विभिषण ने व माल्यवान ने रावण को समझाया । पंरतु रावण ने दुश्मन के गुणगान करने के लिये दोनो को राजसभा से बाहर जाने का आदेश दिया । जिसके बाद वृद्ध मंत्री माल्यवान राजसभा से उठकर चले गये। पंरतु विभिषण ने कहा कि महर्षि विश्रवा ने उन्हे सीता को श्री राम को वापस देने के लिये कहलवाया है। इसी मे लंका की भलाई है। विभिषण की बात सुनकर रावण क्रोधित हो उठा । उसने विभिषण को लात मारकर उसे वंहा से निकल जाने को कहा। तब विभिषण अपने मंत्रियों के साथ रावण को उसके अंत की चेतावनी देते हुए आकाश मार्ग से भगवान राम की शरण मे चले गये।

विभिषण के आने के बाद भगवान राम ने समुद्र से लंका जाने के लिये मार्ग देने की प्रार्थना की। पंरतु जब समुद्र ने उन्हे पार उतरने के लिये रास्ता नंही दिया तो भगवान श्री राम ने लक्ष्मण से कहा

विनय न मानत जलधि, जब गये तीन दिन बीत,
बोले राम सकोप तब, भय बिन होये न प्रीत ।

तब लक्ष्मण ने श्रीराम को उनका धनुष लाकर दिया तो भगवान राम ने क्रेाधित होकर समुद्र पर बाण का संधान किया। जिसके बाद समुद्र ने ब्राहमण वेश मे ंभगवान से प्रार्थन कर क्षमा करने की विनती की। साथ ही नल व नील की मदद से सेतु निर्माण करने का आग्रह किया। रामसेतु के निमार्ण के बाद वानर सेना के साथ भगवान राम लंका मे पंहुच गये। उन्होंने एक बार फिर अंगद को शंाति दूत बनाकर रावण के पास भेजा। पंरतु रावण ने राजसभा में भगवान से युद्ध बात कही तो अंगद ने एक कुशल कुटनीतिज्ञ की भांति रावण केा फटकारा। साथ ही कहा कि यदि राजसभा को कोई भी सदस्य उसके पांव को उठा दे तो श्री राम वापस चले जायेगे।

राजसभा का कोई सदस्य अंगद का पैर नहंी उठा पाया तो रावण खुद अंगद का पैर उठाने के लिये उठा पंरतु अंगद ने रावण को फटकारते हुए कहा मुर्ख मेरे पैर मत पकड उन सर्वशक्तिमान श्री राम के पैर पकड जिनके पैर पकडने से तेरा समस्त वंश तर जायेगा। जिसके बाद रावण शर्मिंदा होकर वापस अपने सिंघासन पर जा बैठा। उसके बाद अगद वापस रामादल मे आ गये।

रामलीला में प0 विपिन कपिल, ने रावण, धर्मपालसैनी ने विभिषण व वेदप्रकाश कश्यप द्वारा अंगद की भूमिका के अभिनय को दर्शको ने दिल खोलकर सराहा। इससे पूर्व भाजपा नेता पवनसिंह राठौर, संजीव चैधरी, सुरेश जिंदल, बालिस्टर चैधरी, नक्षत्रपाल राठौर, संदीप धीमान, कृष्णपाल राठौर व सुरेश चैधरी ने भगवान श्रीराम की आरती कर तथा दीप प्रज्जवलित कर लीला का शुभारंभ किया। इस मौके पर संयम जैन, वर्धन जैन, संजीव जैन , पकंज जैन, आदि उपस्थित रहे।


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