राजस्थान में प्रदर्शनकारी किसानों ने बीजेपी नेता से की अभद्रता, फाड़े कपड़े

राजस्थान में प्रदर्शनकारी किसानों ने बीजेपी नेता से की अभद्रता, फाड़े कपड़े
  • नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे इन किसानों ने  भारतीय जनता पार्टी के नेता कैलाश मेघवाल से अभद्रता ही नहीं की बल्कि उनके साथ हाथापाई करते हुए उनके कपड़े भी फाड़ दिए.

नई दिल्ली : राजस्थान के श्रीगंगानगर में कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसान अभद्रता पर उतर आए हैं. नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे इन किसानों ने भारतीय जनता पार्टी के नेता कैलाश मेघवाल से अभद्रता ही नहीं की बल्कि उनके साथ हाथापाई करते हुए उनके कपड़े भी फाड़ दिए. राजस्थान के श्रीगंगानगर में प्रदर्शनकारी किसान मंहगाई और सिंचाई को लेकर भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे थे, उसी दौरान बीजेपी नेता कैलाश मेघवाल भी वहां पहुंच गए तभी किसानों ने उनके साथ ये अभद्रता की.

प्रदर्शनकारी किसानों द्वारा अचानक से बीजेपी नेता पर हमलावर हो जाने के बाद वहां पर दहशत का माहौल बन गया. प्रदर्शनकार किसान कार्यकर्ताओं द्वारा बीजेपी नेता कैलाश मेघवाल के कपड़े फाड़े जाने के बाद अफरा-तफरी का माहौल हो गया .पुलिस ने कैलाश मेघवाल को किसी तरह से इन प्रदर्शनकारी किसानों के चंगुल से छुड़वाया. इस तनाव के माहौल के बीच भाजपा के खिलाफ धरने की ओर कूच कर रहे किसानों को रोकने के लिए राजस्थान पुलिस ने हल्का बल प्रयोग भी किया जिसके बाद किसानों की इस भीड़ को तितर-बितर किया गया.

पूर्व बीजेपी विधायक के साथ पहले भी हुई थी ऐसी ही अभद्रता
आपको बता दें कि ये कोई पहला मौका नहीं है जब आंदोलनकारी किसानों ने किसी के साथ ऐसी अभद्रता की हो. इसके पहले राजस्थान में ही 25 जुलाई को आंदोलकारी किसानों ने भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता व सैनिक कल्याण सलाहकार समिति के पूर्व अध्यक्ष और नीमकाथाना से पूर्व बीजेपी विधायक प्रेमसिंह बाजौर के साथ ऐसी ही अभद्रता की थी. 25 जुलाई को इन आंदोलनकारी किसानों ने पूर्व बीजेपी विधायक के साथ ना सिर्फ मारपीट ही की थी बल्कि उनकी गाड़ी भी तोड़ दी थी.

किसी तरह से जान बचा कर निकले नहीं तो जान भी जा सकती थीः प्रेमसिंह बाजौर
25 जुलाई को हरियाणा-राजस्थान बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन में शामिल स्थानीय किसानों ने जयपुर से दिल्ली जाते समय भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता विधायक प्रेमसिंह बाजौर के साथ विरोध के नाम पर उनकी गाड़ी में तोड़-फोड़ की और उनसे हाथापाई करते हुए उनके कपड़े भी फाड़ डाले. देखते ही देखते आंदोलनकारी किसान बाजौर के साथ मारपीट करते हुए जान से मारने पर उतारू हो गए. प्रेम सिंह बाजौर मीडिया से बातचीत में बताया कि किसी तरह हम वहां से बचकर निकल गए नहीं तो जान भी गंवानी पड़ सकती थी.