एक से तीन साल में लगेंगे प्रीपेड बिजली मीटर, गरीब करा सकेंगे 20 रुपये का भी रिचार्ज
खास बातें
- बिजली मंत्री राज कुमार सिंह ने राज्यों-केंद्र शासित प्रदेशों के ऊर्जा मंत्रियों के दो दिवसीय सम्मेलन को किया संबोधित
- 2.66 करोड़ घरों में बिजली कनेक्शन पहुंचे महज 16 महीने में
- कृषि पंपों पर लगेंगे सोलर पावर संयंत्र, बढ़ेगी किसानों की आय
देश के हर घर में बिजली कनेक्शन उपलब्ध कराने के बाद मोदी सरकार का अगला लक्ष्य हर घर को 24 घंटे बिजली मुहैया कराना है। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के ऊर्जा मंत्रियों के दो दिवसीय सम्मेलन की शुरुआत करते हुए केंद्रीय बिजली मंत्री राज कुमार सिंह ने कहा कि हर घर में बिजली पहुंच गई है। महज 16 महीने में 2.66 करोड़ घरों में बिजली कनेक्शन दे दिए गए हैं। इतने कम समय में ऐसा दुनिया में कहीं नहीं हुआ है।
ऐसे मिलेगी 24 घंटे बिजली
उन्होंने कहा कि अब सरकार का नया लक्ष्य हर घर में 24 घंटे बिजली पहुंचाना है। सरकार जो नई टैरिफ नीति लाने वाली है, उसमें हर घर में 24 घंटे बिजली देने को कहा गया है। साथ ही अगर कहीं बिना वजह पावर कट होता है तो बिजली वितरण कंपनी (डिस्कॉम) पर जुर्माना लगेगा, जिसका वितरण ग्राहकों में होगा। इस नीति को मंजूरी के लिए कैबिनेट के पास भेजा गया है। बिजली मंत्री ने कहा कि सभी कृषि पंपों पर सौर ऊर्जा संयंत्र लगेंगे, जिन्हें ग्रिड से जोड़ा जाएगा। वहां बनने वाली सोलर बिजली से उनका पंप चलेगा और अतिरिक्त बिजली ग्रिड को दी जाएगी। इससे किसानों को आय का एक और जरिया मिलेगा।
किसानों के लिए अलग ग्रिड बनाएं
बिजली मंत्री ने सभी राज्यों के ऊर्जा मंत्रियों से किसानों के सिंचाई वाले पंप के लिए अलग से फीडर बनाने को कहा। ऐसी व्यवस्था गुजरात में पहले से है। राज्यों को इसके लिए पूंजी केंद्र देगा। इस कार्य को पूरा करने के लिए राज्यों को तीन साल का समय दिया गया है। उन्होंने कहा, फीडर बनाने के तीन लाभ होंगे। पहला- किसानों को पूर्व निर्धारित समय के अनुसार रोजाना छह या आठ घंटे बिजली मिलेगी। दूसरा- कृषि कनेक्शन के नाम पर बिजली चोरी रुकेगी और डिस्कॉम का घाटा कम होगा। तीसरा- सब्सिडी का दुरुपयोग नहीं होगा। बिजली मंत्री ने कहा कि वर्तमान में सिर्फ किसानों की बिजली सब्सिडी के नाम पर सालाना 8,000 करोड रुपये जा रहे हैं। किसानों के लिए जब अलग फीडर होगा तो उसमें सिर्फ सीजन में ही बिजली आपूर्ति होगी।
कम करना होगा डिस्कॉम का घाटा
सिंह ने कहा कि सभी को 24 घंटे बिजली देने के लिए डिस्कॉम का घाटा दूर होना जरूरी है। यदि उनका घाटा कम नहीं होगा तो वे बिजली बनाने वाली कंपनियों को पैसा कहां से देंगी। वर्तमान में सभी डिस्कॉम पर बिजली बनाने वाली कंपनियों का 59,000 करोड रुपये बकाया है। इसके अलावा, सरकारी विभागों पर सभी डिस्कॉम का बकाया बढ़कर 47,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। यदि विभाग इसका भुगतान कर दें तो बिजली बनाने वाली कंपनियों का बकाया तो 47,000 करोड़ कम हो जाए।
तीन साल में हर घर में प्रीपेड मीटर
बिजली मंत्री ने कहा कि तीन साल में हर घर में बिजली के प्रीपेड मीटर लगा दिए जाएंगे। इस पर सभी राज्य सहमत हैं। कई राज्य तो इस काम को सालभर में ही पूरा करना चाहते हैं। इससे ग्राहकों और डिस्कॉम दोनों को फायदा होगा। गरीब ग्राहक भी चाहें तो 20 रुपये का बिजली रिचार्ज कर सकेंगे। वहीं, डिस्कॉम को एडवांस में पैसा मिल जाएगा। अभी तक उन्हें बिजली बिल बनाने के लिए मीटर रीडर रखना पड़ता है और डिस्कनेक्ट करने के लिए भी कर्मचारी रखने पड़ते हैं। लेकिन, प्रीपेड मीटर लगने के बाद इससे छुटकारा मिलेगा।