कलयुग में भागवत कथा सुनने से प्राप्त होता है आत्मज्ञान: चैतन्य महाराज

- सहारनपुर में रामपुर मनिहारान में थाना प्रभारी को सम्मानित करते कथाव्यास चैतन्य महाराज।
रामपुर मनिहारान। कथाव्यास आचार्य चैतन्य महाराज ने कहा कि कलयुग में केवल भागवत कथा के सुनने से मात्र सात दिन में आत्मज्ञान प्राप्त हो सकता है। इस ज्ञान के प्राप्त होते ही व्यक्ति मृत्यु के भय से मुक्त हो जाता है। कथाव्यास आचार्य चैतन्य महाराज कस्बा रामपुर मनिहारान में रेलवे रोड पर आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के तीसरे दिन श्रीकृष्ण सुदामा मित्रता की कथा का बखान कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि राजा हो या रंक, मित्रता में सभी बराबर हैं। सुदामा एक गरीब ब्राह्मण थे, लेकिन दिल से अमीर थे। सुदामा और श्रीकृष्ण जैसी मित्रता आज कहा है? श्रीकृष्ण ने सुदामा से मित्रता का धर्म निभाया जिनमें पास प्रेम धन है, वह निर्धन नहीं हो सकता। मित्रता में जात-पात, ऊंच-नीच, अमीर-गरीब नहीं देखा जाता है। उन्होंने कहा कि मित्रता को सच्चे मन से निभाने की जरूरत होती है। मित्रता में स्वार्थ नहीं होना चाहिए। इससे मित्रता में दरार पैदा हो जाती है। मित्रता का धर्म निभाएं और सुख-दु:ख के भागीदार बनें।
उन्होंने श्रद्धालुओं को गाय की सेवा करने के लिए भी प्रेरित किया। इससे पूर्व इंडिया टुडे कान्वेंट एकेडमी के अध्यक्ष कर्मसिंह सैनी व प्रबंधक गौरव कुमार ने फीता काटकर तथा डा. कपिल भारद्वाज ने दीप प्रज्जवलित करके किया। कथाव्यास चैतन्य महाराज ने थाना प्रभारी निरीक्षक नरेंद्र शर्मा सहित अन्य अतिथियों को स्मृति चिन्ह तथा कथा आयोजक संदीप मित्तल ने अंगवस्त्र भेंट करके किया। इस दौरान मॉर्निंग वाक गु्रप के विजय शर्मा, हरिओम शर्मा, पदक सिंह एडवोकेट, जुगविंद्र रावत, श्याम लाल, नीरज शर्मा, विजय आनंद, डा. विनोद शर्मा आदि श्रद्धालु मौजूद रहे। मंच संचालन मधुरेश शर्मा ने किया।