‘भारत में मेरे पास कोई जमीन और घर नहीं, बिना वेतन के किया काम’, भाजपा के आरोप पर बोले सैम पित्रोदा

सरकार में काम किया… मगर वेतन नहीं लिया
पित्रोदा ने आगे कहा कि 1980 के दशक के मध्य में प्रधानमंत्री राजीव गांधी और 2004 से 2014 तक डॉ. मनमोहन सिंह के साथ काम करने के दौरान मैंने कभी कोई वेतन नहीं लिया। पित्रोदा ने आगे कहा कि मैंने अपने 83 साल के जीवन में भारत में या किसी अन्य देश में कभी रिश्वत न दी है और न स्वीकार की है। यह पूर्ण और अकाट्य सत्य है।
ईडी और लोकायुक्त से शिकायत
भाजपा नेता एनआर रमेश ने आरोप लगाया था कि सैम पित्रोदा ने वन विभाग के अधिकारियों समेत 5 वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों की मदद से बेंगलुरु के येलहंका में 12.35 एकड़ सरकारी जमीन अवैध रूप से हासिल की। इस जमीन की कीमत 150 करोड़ रुपये है। रमेश बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) के पूर्व पार्षद हैं। उन्होंने पित्रौदा के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) और कर्नाटक लोकायुक्त में शिकायत दर्ज कराई है।
आरोप- औषधीय पौधों के संरक्षण के नाम पर मिली जमीन
2011 में समाप्त हुआ पट्टा
भाजपा नेता ने कहा कि पित्रोदा के एफआरएलएचटी को दिया गया पट्टा 2 दिसंबर 2011 को समाप्त हो चुका है। इसके बाद वन विभाग को यह बहुमूल्य सरकारी जमीन अपने कब्जे में लेनी चाहिए थी। मगर वन विभाग के अधिकारियों ने पिछले 14 सालों में जमीन वापस लेने की कोई कोशिश नहीं की। भाजपा नेता ने ईडी से कथित जमीन हड़पने में शामिल लोगों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने की अपील की।