नई दिल्ली। इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस (इंडिया) के नए अवतार में 26 विपक्षी दलों के एकजुट नवगठित गठबंधन ने 2024 के आम चुनाव में राजग को चुनौती देने का एलान किया है। कांग्रेस की अगुआई में बेंगलुरु बैठक में शामिल हुई दो दर्जन से अधिक पार्टियों के शीर्षस्थ नेताओं ने संयुक्त रणनीति और साझा न्यूनतम कार्यक्रम के साथ चुनाव मैदान में उतरने का एक सुर से फैसला किया। ‘इंडिया’ के नेतृत्व के चेहरे पर विपक्षी दलों ने अभी कोई चर्चा नहीं की है मगर 11 सदस्यीय संयुक्त समन्वय समिति के गठन और राजधानी दिल्ली में इंडिया गठबंधन का सचिवालय बनाने पर सहमति हुई है।

विपक्षी दलों की पहली बड़ी राजनीतिक कामयाबी

विपक्षी गठबंधन की मुंबई की अगली बैठक में समन्वय समिति के सदस्यों के साथ इंडिया के संयोजक का नाम तय हो जाएगा। बैठक में शामिल कुछ पार्टियों के आपसी पुराने मतभेदों के बावजूद ‘इंडिया’ प्लेटफार्म पर आने को लेकर बनी सहमति विपक्षी दलों की पहली बड़ी राजनीतिक कामयाबी है। संप्रग की जगह नए गठबंधन ‘इंडिया’ के नामकरण के साथ ही 2024 के चुनाव को राजग बनाम ‘इंडिया’ करने की ताल ठोकते हुए विपक्ष ने देश के सामने एक वैकल्पिक राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक एजेंडा पेश करने का संकल्प पेश किया।

मुंबई की अगली बैठक में होगा नाम तय

इस संकल्प में इंडिया गठबंधन ने सत्ता-शासन के भाव और शैली दोनों को बदलने का वादा करते हुए कहा है कि यह अधिक परामर्शी, लोकतांत्रिक और सहभागी होगा। बेंगलुरु में विपक्षी पार्टियों के नेताओं की बैठक के बाद संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने विपक्ष के नए गठबंधन का नाम ‘इंडिया’ होने का एलान करते हुए कहा कि मुंबई की अगली बैठक में इंडिया के संचालन के लिए 11 सदस्यीय संयुक्त समन्वय समिति के सदस्यों का नाम तय किया जाएगा।

सीटों के बंटवारे से जुड़े विरोधाभास

खरगे ने कहा कि न्यूनतम साझा कार्यक्रम और राजनीतिक अभियानों के लिए गठबंधन की अलग-अलग समितियों के गठन का निर्णय भी मुंबई बैठक में होगा। इसकी तारीख जल्द तय की जाएगी। सीटों के बंटवारे से जुड़े विरोधाभासों पर उनका कहना था कि यह कोई बड़ी बात नहीं, मामला सुलझ जाएगा। हमारे बीच कुछ मतभेद हैं लेकिन हमने देश के व्यापक हित में उसे पीछे छोड़ दिया है और अब हम एकजुट होकर 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ेंगे और जीतेंगे।

कार्ययोजना तैयार

वहीं राहुल गांधी ने कहा कि इंडिया गठबंधन ने बैठक में अपनी विचारधारा और कार्यक्रमों पर देशभर में बात करने के लिए एक कार्ययोजना तैयार करने का भी फैसला किया है। विपक्षी दलों की इस बैठक में खरगे, सोनिया गांधी, राहुल गांधी के अलावा शरद पवार, नीतीश कुमार, लालू प्रसाद, अखिलेश यादव, ममता बनर्जी, एमके स्टालिन, केजरीवाल, हेमंत सोरेन, सीताराम येचुरी, डी राजा, जयंत चौधरी समेत तमाम दलों के अध्यक्ष और प्रमुख नेता शामिल हुए।

राहुल गांधी ने सुझाया गठबंधन का ‘इंडिया’ नाम

सूत्रों के अनुसार ‘इंडिया’ गठबंधन का नाम कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने सुझाया। बैठक में इसे खुद रखने की बजाय उन्होंने अनौपचारिक चैनल के जरिए ममता बनर्जी को ये नाम भिजवाया। ममता को यह नाम पसंद आया और उन्होंने बैठक में ‘इंडिया’ का नाम प्रस्तावित किया। गठबंधन के नाम को लेकर तमाम नेताओं के बीच लंबी चर्चा-बहस हुई और कुछ लोग शुरूआत में इसे लेकर सहमत नहीं थे। फिर राहुल गांधी ने अपनी बात रखते हुए ‘इंडिया’ नाम के पीछे की भावना और मौजूदा राजनीतिक लड़ाई के स्वरूप को लेकर अपने तर्क दिए।

‘इंडिया’ लोगों को आकर्षित करेगा

उन्होंने कहा कि लोकतंत्र-संविधान पर हमला कर भारत के विचार और आत्मा पर प्रहार किया जा रहा है। ऐसे में इंडिया नाम बिल्कुल मौजू है क्योंकि चुनावी लड़ाई ‘इंडिया’ बनाम मोदी और एनडीए बनाम ‘इंडिया’ लोगों को आकर्षित करेगा। राहुल के इन तर्को के बाद गठबंधन का नाम इंडिया रखने पर सबने एकमत से हामी भर दी। हालांकि नाम को लेकर चर्चा इतनी लंबी चली कि अन्य मुद्दों पर बात मुंबई बैठक के लिए टाल दी गई।

देश की आवाज बचाने की लड़ाई

राहुल गांधी ने संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहा भी कि यह लड़ाई विपक्ष और भाजपा के बीच नहीं, बल्कि यह देश की आवाज बचाने की लड़ाई है। इसीलिए गठबंधन को ‘इंडिया’ नाम दिया गया है और यह लड़ाई एनडीए बनाम इंडिया तथा नरेन्द्र मोदी बनाम इंडिया है। राहुल ने कहा कि जब भी इंडिया के सामने कोई होता है तो जीत किसकी होगी यह बताने की जरूरत नहीं।