ढिक्का ग्राम पंचायत मे अंतिम संस्कार के लिये शमशान घाट तक नहीं है उपलब्ध
- अंतिम संस्कार के लिये ग्रामीण शव को यमुना के किनारे ले जाते है
फोटो ढिक्का कलां का ग्राम पंचायत सचिवालय
नकुड 28 मई इंद्रेश। तहसील क्षेत्र के ढिक्का गांव मे शमशान तक नंही है। गांव के लोग मृतक का अंतिम संस्कार करने के लिये दो से ढाई किमी चलकर यमुना के किनारे जाते है।
यह विडंबना ही कही जायेगी कि ढिक्का गंाव मे आजादी के 78 वर्ष बाद भी एक अदद शमशानघाट तक उपलब्ध नहीं है। ढिक्का राजपूत बहुल ग्राम पंचायत है। जो चार मजरो से मिलकर बना है। जिनमे ढिक्का कलंा, ढिक्का खुर्द व ढिक्का टपरी के अलावा ढिक्का टबरा शामिल है। इनमे से एक मजरा ढिक्का टपरी यमुना से पश्चिम की ओर है जबकि बाकि तीन मजरे यमुना की मुख्यधारा से पूरब की ओर स्थित है। ढिक्का टपरी तो बिजली के लिये भी हरियाणा सरकार पर निर्भर है। इस मजरे को हरियाणा से ही बिजली की आपूर्ति होती है। हरियाणा सरकार भी कई बार भूगतान न होने का बहाना बनाकर गांव की आपूर्ति रोक देती है।
इन गांव मे ढिक्का खुर्द मुस्लिम बहुल है। पंरतु इन चारो ही मजरो मे अंतिम संस्कार के लिये काई शमशान घाट उपलब्ध नहंी है। ग्रामीणो का कहना है कि किसी व्यक्ति के मरने पर उसका अंतिम संस्कार करने के लिये यमुना की मुख्य धारा के पास जाना पडता है। जो आबादी से करीब दो से ढाई किमी पडती है। इतनी दूर शव को अंतिम संस्कार के लिये ले जाना बडी मशक्कत से कम नही है।
ग्रामीणो की मांग पर सरकार ने इस गांव में अंत्येष्ठी स्थल बनाने के लिये 26 लाख रूपये की धनराशि मंजूर की है। बताया जा रहा है कि इसके लिये डेढ माह पूर्व टेंडर भी निकाले गये थे। पंरतु अभी तक अंत्येष्ठि स्थल का निर्माण कार्य शुरू नंही हुआ है। पूर्व प्रधान जलसिंह ने बताया कि गांव में अंत्येष्ठि स्थल के निर्माण के लिये भूमि का चयन कर लिया गया है। बहुत जल्द निर्माण कार्य शुरू हुो जायेगा।