इमरान ने फिर अलापा ‘कश्मीर राग’, कहा- इसका अंतरराष्ट्रीय समुदाय से कोई लेना-देना नहीं
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने शुक्रवार को कहा कि कश्मीर मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय को कोई लेना-देना नहीं है। डॉयचे वेले को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा, वाणिज्यिक हित पश्चिमी देशों के लिए अधिक महत्वपूर्ण हैं और इसी कारण कश्मीर मुद्दे पर ‘ढीली प्रतिक्रिया’ देखने को मिली।
इमरान ने कहा, भारत एक बड़ा बाजार है और यही कारण है कि कश्मीर के 80 लाख लोगों के साथ भारत के अल्पसंख्यकों को लेकर पश्चिमी देशों की प्रतिक्रिया बेहद ढीली है। दुर्भाग्य से इन देशों के लिए वाणिज्यिक हित अधिक महत्वपूर्ण हैं। निराशाजनक यह भी है कि मीडिया का ध्यान हांगकांग के विरोध प्रदर्शन पर ही टिका है जबकि कश्मीर का मुद्दा इससे बड़ा है।
आरएसएस, हिंदुत्व पर फिर बोले
भारत विरोधी बयानबाजी जारी रखते हुए इमरान ने आरएसएस पर फिर भड़ास निकाली। उन्होंने कहा, नई दिल्ली ने इस्लामाबाद के शांति प्रस्तावों का जवाब नहीं दिया क्योंकि वे आरएसएस की विचारधारा पर चल रहे हैं। अनुच्छेद 370 पर पूछे गए सवाल पर इमरान बोले, भारत एक चरमपंथी विचारधारा धारण किये हुए है, जिसे हिंदुत्व के रूप में जाना जाता है। मैं दुनिया का पहला नेता था जिसने भारत में हो रही इन घटनाओं के बारे में चेतावनी दी थी।
वक्त बताएगा कि एससीओ बैठक में इमरान आएंगे या नहीं
भारत द्वारा 19वें शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन के लिए पाकिस्तान समेत सभी सदस्य देशों को आमंत्रित करने के संदर्भ में पाक ने कहा है कि उनका देश इस आधिकारिक निमंत्रण की प्रतीक्षा कर रहा है।
पाक ने संकेत दिया कि प्रधानमंत्री इमरान खान की पड़ोसी देश की यात्रा उस वक्त दोनों देशों के रिश्तों पर निर्भर करेगी। सूत्रों ने कहा कि इस्लामाबाद एससीओ तंत्र के लिए प्रतिबद्ध है। जब भी निमंत्रण मिलेगा, उस वक्त कश्मीर की स्थिति और भारत के साथ हमारे द्विपक्षीय रिश्तों को देखते हुए इस पर विचार करेंगे।