नई दिल्ली। चुनाव आयोग सोमवार को दिल्ली में पंजाब विधानसभा के चुनाव को टालने की अपील पर विचार करेगा। इस तरह की अपील राज्य की विभिन्न राजनीतिक पार्टियों जिसमें सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी और सूबे के सीएम चरनजीत सिंह चन्नी, भाजपा और पंजाब लोक कांग्रेस ने की है। इन सभी पार्टियों ने चुनाव आयोग से गुहार लगाई है कि राज्य की विधानसभा के लिए होने वाले चुनाव को 14 फरवरी से आगे बढ़ा दिया जाए।
आपको बता दें कि इस तरह की अपील उत्तर प्रदेश के लिए भी कुछ पार्टियों ने की थी। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी इस पर विचार करने की अपील की थी, जिसके बाद चुनाव आयोग ने इस पर मंथन भी किया था। हालांकि, बाद में आयोग ने पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा कर दी थी। चुनाव को टालने की अपील कोरोना के बढ़ते मामलों के मद्देनजर की जा रही थी।
पंजाब की सभी राजनीतिक पार्टियों की निगाहें आज इसलिए चुनाव आयोग पर टिकी रहेंगी। सूबे में भाजपा के महासचिव की तरफ से चुनाव आयोग को लिखे गए एक पत्र में कहा गया है कि 16 फरवरी को गुरु रविदास जयंती है। राज्य की करीब 32 फीसद आबादी गुरु रविदास को पूजती है। सूबे से हर वर्ष अधिकतर लोग इस शुभ अवसर पर वाराणसी जाते हैं। ऐसे में अधिकतर लोग सूबे के चुनाव में हिस्सा नहीं ले सकेंगे। पार्टी की तरफ से आयोग को अपील करते हुए कहा गया है कि चुनाव के समय लाखों लोगों की गैर मौजूदगी सही नहीं होगी। गुरु रविदास जयंती पर वाराणसी का रुख करने वाले लोग चुनाव का हिस्सा नहीं बन सकेंगे। इसलिए इस चुनाव की तारीख को आगे बढ़ा दिया जाना चाहिए।
इसी तरह की एक अपील सूबे के पूर्व सीएम केप्टन अमरिंदर सिंह की पार्टी पंजाब लोक कांग्रेस की तरफ से भी की गई है। पार्टी के महासचिव कमल सैनी ने चुनाव आयोग को लिखे एक पत्र में कहा है कि पंजाब से हजारों लोग गुरु रविदास जयंती के मौके पर वाराणसी जाते हैं। इसमें कहा गया है कि सूबे में मतदान की तारीख 14 फरवरी रखी गई है। वाराणसी जाने वाले हजारों लोग इस वजह से अपने मताधिकार का उपयोग नहीं कर सकेंगे। वो इस मौके को छोड़ना नहीं चाहेंगे। इसलिए इस तारीख को आगे बढ़ा देना चाहिए। सूबे के सीएम चरनजीत सिंह चन्नी ने अपील की है कि चुनाव की तारीख को कम से कम छह दिनों के लिए आगे कर देना चाहिए। कुछ अन्य पार्टियों की भी यही अपील है। बता दें कि सूबे में 14 फरवरी को राज्य की विधानसभा की 117 सीटों के लिए वोट डाले जाएंगे जबकि 10 मार्च को वोटों की गिनती होगी।
गौरतलब है कि पंजाब में कांग्रेस सत्ता में है। इस बार यहां का राजनीतिक समीकरण काफी दिलचस्प हो चुका है। केप्टन अमरिंदर सिंह के कांग्रेस से अलग होकर नई पार्टी बनाने और भाजपा से हाथ मिलाने की वजह से चुनावी लड़ाई काफी दिलचस्प होती दिखाई दे रही है। इस बार यहां पर सत्ताधारी दल और आम आदमी पार्टी के बीच कड़ी टक्कर होती भी दिखाई दे रही है।