खबर का असर: टाबर मे स्वास्थ्य विभाग ने लगाया स्वास्थ्य परीक्षण शिविर, दो सौ मरीजो की जांच की गयी

नकुड 25 सितंबर इंद्रेश। टाबर मे तीन दर्जन से अधिक मरीजों की मौत के बाद आखिर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियो की नींद टूट गयी। विभाग की टीम ने गांव मे केंप लगाकर मरीजो का स्वाथ्य परीक्षण किया । साथ ही उन्हे दवाऐ भी वितरित की। क्षेत्रीय विधायक मुकेश चौधरी ने भी गांव की खस्ता हाल सफाई व्यवस्था पर असंतोष जताया। विधायक ने बुखार से मरे दो युवाओ के परिजनो को अनुग्रह राशि दिलाने की घोषणा की।
सोमवार सीएचसी प्रभारी डा0 अमन गोपाल के नेर्तत्व में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने टाबर में मरीजो का स्वास्थ्य परीक्षण किया। मरीजो को दवाऐ वितरित की। अपने स्वास्थ्य की रक्षा के लिये साथ ही सफाई का ध्यान का आग्रह किया। गौरतलब है कि गांव में विगत एक माह के अंदर तीन दर्जन से अधिक लोग बुखार से काल के गाल मे समा चुके है। पंजाव केसरी ने इस समाचार को प्रमुखता के साथ प्रकाशित किया था। जिसके बाद स्वास्थय विभाग के अधिकारियो की तंद्रा टूटी ओर आज विभाग ने गांव के विद्यालय मे स्वास्थ्य शिविर का आयोजन कर मरीजो का स्वास्थ्य परीक्षण किया। सीएचसी प्रभारी डा0 अमन गोपाल ने बताया कि सोमवार को केंप मे करीब दो सौ मरीजो का परीक्षण किया गया। परंतु अब गांव मे बुखार की स्थिति मे सुधार देखने को मिल रहा है। हालंा कि पूर्व मे बुखार से पिडित रहे लोगो के हाथ व पैरो मे दर्द की शिकायते देखने को मिल रही है।
इस मौके पर गांव मे ंपहुचे विधायक मुकेश चैधरी ने गाव की खस्ता हाल सफाई व्यवस्था पर असंतोष जताया । कहा कि पांच दिनो के अंदर गांव में सफाई की स्थिति सुधर जानी चाहिए। उन्होंने वादा किया कि गांव में युवावस्था में ही जान गंवाने वाले दो परिवारो के बच्चो को 18 वर्ष की आयु तक ढोई हजार रूपये की राशि दी जायेगी। उन्होंने स्वयं गावं मे सफाई कर स्वच्छता का संदेश दिया। इस मौके पर अनिल सैनी , रविंद्र कुमार , दुष्यंत राणा, संजीव राणा, संदीप राणा, राहुल राणा, दीपक राणा, कंवरपाल राणा, रामबीरसिह राणा, मनीष चैयरमैन, आजाद सिंह आदि उपस्थित रहे।
गांव का प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र स्वंय बिमार है
टाबर में प्रदेश सरकार की ओर से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बनाया गया है। पंरतु अव्यवस्थाओ के चलते हजारों की आबादी के स्वास्थ्य के लिये जिम्मेदार यह अस्पताल स्वंय ही बिमार है। अस्पताल के बाहर रास्ते मे गंदा पानी भरा पडा है। जिससे इस रास्ते से निकलना तक मुश्किल है। यहां से निकलना तक मुश्किल है। अस्पताल मे एक चिकित्सक की तैनाती है। एक एलटी भी है। परंतु मरीजों के लिये पर्याप्त सुविधा उपलब्ध नहंी है। ग्रामीणो का कहना है कि पीएचसी पर मरीजों को भर्ती करने की सुविधा भी होनी चाहिए।