वन कर्मचारियों की मिलीभगत से चल रहा हरे पड़ों का अवैध कटान

- सहारनपुर में नवादा में प्रतिबंधित आम के काटे गए पेड़ों का दृश्य।
सहारनपुर [24CN]। मोहंड रेंज क्षेत्रांतर्गत आने वाले कृषि इलाके के गांव नवादा में लकड़ी ठेकेदारों ने किसान से औने-पौने दामों में आम का बाग खरीदकर उसमें खड़े हरे पेड़ों का बिना अनुमति के कटान शुरू कर दिया। ठेकेदार ने सबूत मिटाने के लिए काटे गए पेड़ों के गड्ढों को मिट्टी भरकर बंद कर दिए। मामले की शिकायत वन क्षेत्राधिकारी मोहंड को मिली तो उन्होंने कटान रूकवा दिया तथा आरोपियों के खिलाफ विभागीय कार्यवाही के सख्त निर्देश दिए हैं। वन क्षेत्राधिकारी मोहंड की सख्ती देख वन कर्मचारियों सहित लकड़ी माफियाओं में खलबली मची हुई है।
मिली जानकारी के अनुसार छुटमलपुर व मुजफ्फराबाद के आसपास प्रतिबंधित आम के हरे पेड़ों को वन विभाग के कर्मचारियों से मिलीभगत करके लकड़ी माफिया सरेआम काट रहे हैं। ऐसा ही एक मामला विगत मंगलवार को सामने आया तो वन क्षेत्राधिकारी मोहंड एम. के. बलौदी ने तुरंत अधीनस्थ कर्मचारियों को मौके पर भेजकर जांच कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए। परंतु हैरत की बात है कि मुसैल नवादा में आम के बाग से जहां भारी संख्या में पेड़ कटे हैं वहां वन विभाग के कर्मचारी लकड़ी ठेकेदार को बचाने के प्रयास में लग गए तथा आम के मात्र दस पेड़ कटे दिखाकर मामले की लीपापोती के प्रयास में जुट गए हैं।
वन क्षेत्राधिकारी मोहंड एम. के. बलोदी ने बताया कि आम के दस पेड़ों का कटान किए जाने के आरोप में बाग स्वामी व लकड़ी ठेकेदार मौहम्मद इकराम के खिलाफ वन संरक्षण अधिनियम के तहत जुर्माना लगाया गया है। बाग से दस से अधिक आम के हरे पेड़ काटे जाने की बात कही तो उन्होंने दोबारा जांच कराकर मामले में प्रभावी कार्रवाई करने का आश्वासन दिया।
उधर क्षेत्र में चर्चा है कि मुसैल नवादा वन विभाग की मिलीभगत से भारी संख्या में प्रतिबंधित आम के हरे पेड़ काटे गए हैं। वन विभाग के कर्मचारियों ने मौके पर जाकर काटे गए पेड़ों के सबूत मिटाने के लिए कथित ठेकेदार को गड्ढे भरने का आइडिया तो उसने तुरंत गड्ढों में मिट्टी भरकर बंद कर दिए। पर्यावरण प्रेमियों का कहना है कि यदि निष्पक्ष जांच की जाए तो इस अवैध कटान में वन विभाग के कर्मचारियों की संलिप्तता उजागर हो सकती है।