मैं ही हूं वो हाशिम, जिसे 31 साल पहले दफना दिया था… पढ़ें क्या है माजरा
सर्पदंश से मरने के बाद कब्र में दफना दिया गया किशोर 31 साल बाद जिंदा लौट आया, उसने न केवल जिंदा होने का दावा किया बल्कि अपने घर, परिवार और रिश्तेदारों को पहचानने का दावा भी किया। चिकित्सा विज्ञान और वैज्ञानिक सोच इस तरह की कहानी पर यकीन नहीं करती लेकिन परिजनों को उसके दावे पर यकीन हो गया है और वह उसे सपेरों के डेरे से अपने घर ले आए हैं।
सीएमओ का भी कहना है कि कब्र में दफना दिया गया कोई भी व्यक्ति जिंदा नहीं हो सकता। इसके पीछे की सच्चाई पूरी तरह अभी सामने नहीं आई है। फिलहाल गांव के लोग उसे देखने और उससे बात करने के लिए उमड़ रहे हैं। आसपास के गांवों में भी यह कहानी सुर्खियां बन रही है।
शामली के गांव जहानपुरा निवासी इलियास के 14 वर्षीय बेटे हाशिम की करीब 31 साल पहले सर्पदंश से मौत हो गई थी। परिजनों ने हाशिम के शव को कब्रिस्तान में दफना दिया था। बृहस्पतिवार को एक वृद्ध और दो सपेरे बने युवक जहानपुरा में पहुंचे और खेल दिखाने लगे। अचानक सपेरे इलियास के घर पहुंचे और उनमें एक सपेरे ने हाशिम होने का दावा किया। इलियास ने बताया कि 15 दिन पहले उनके गांव में यह सपेरा सांप बीन का खेल दिखाने आया तो उसने गांव को पहचान लिया और कहने लगा था कि ये हमारा घर है।
उसने मुझे व मेरी पत्नी अमतुल को पहचान लिया था। बृहस्पतिवार को वे उसके बताए पते पर जिला मेरठ के थाना मवाना के गांव आसिफाबाद समसपुर पहुंचे तो सपेरे मोमराजनाथ ने अपने को हाशिम होने का दावा करते हुए परिवार के लोगों और महिलाओं को पहचान लिया। उसकी बातों में आकर हाशिम को अपना बेटा मानकर घर ले आए।
हाशिम के पिता इलियास ने बताया की सपेरे ने मुझे और मेरी पत्नी अमतुल को देखकर अम्मा-अब्बा कहा, म्हारा ही बच्चा है, आज सुबह मेरी पत्नी और परिवार की तीन चार महिलाएं और मैं मवाना के पास गांव आसिफाबाद समसपुर पहुंचे। उसने सबको पहचान लिया। अपनी चाची को भी पहचान लिया। हम उसे जहान पूरा लेकर आए है, उसके साथ बाबा श्याम नाथ और एक अन्य सपेरा भी हमारे घर पर आ गया।
अब मोमराजनाथ है नाम
बाबा श्याम नाथ ने बताया कि उनके बड़े भाई हवा सिंह की मृत्यु हो चुकी है वह भी एक सपेरे थे और उन्होंने कब्र में से शव को निकालकर जिंदा कर लिया और अपने बेटे की तरह पाल-पोश कर बड़ा किया। अब इसका नाम मोमराजनाथ है।
करीब साढ़े तीन साल पहले गांव दभेड़ी खुर्द में हुई थी ऐसी ही घटना। वहां भी कुछ सपेरे एक युवक को साथ लेकर पहुंचे थे और बताया था कि यह युवक इसी गांव का था से पहले सांप ने काट लिया था और उन्होंने कब्र से निकालकर जिंदा कर लिया था। लेकिन एक दिन बाद ही सच्चाई सामने आने पर ग्रामीणों ने सपेरों के साथ मारपीट की थी। मामला कैराना कोतवाली में का था। लेकिन किसी के भी तहरीर नहीं देने पर पुलिस ने सपेरों को वापस भेज दिया था।
नहीं हो सकता कब्र दफनाने के बाद कोई जिंदा
सीएमओ डॉक्टर संजय भटनागर का कहना है कि मृत मानकर जिस शरीर को कब्र में दफनाया गया हो। उसके जीवित बचने की कोई सम्भावना नहीं होती।
