हमारे खून में अब तक असर हुसैन का है

देवबंद। अदबी संस्था जहान-ए-अदब के बैनर तले मुहर्रम के अवसर पर हजरत इमाम हुसैन की याद में मुशायरे का आयोजन किया गया। इसमें शायरों ने नातिया कलाम पेश किया।
सोमवार को हुए मुशायरे की शुरुआत सरवर देवबंदी की नात-ए-पाक से हुआ। शायर तनवीर अजमल ने पढ़ा..तड़प शदीद है दिल में शहीद होने की, हमारे खून में अब तक असर हुसैन का है। सरवर उस्मानी ने नातिया कलाम सुनाते हुए कहा..रहा जो बेनियाज-ए-बखशिशे अहले करम सरवर, वो दामन आप के आगे पसारा या रसूल अल्लाह। शमीम किरतपुरी ने पढ़ा..नजराना अकीदत पेश किया, सब कुछ लूटा के राहें खुदा में हुसैन ने, रोशन चरागे दीन रखा कायनात में। दिलशाद खुशतर ने कहा..झुक सका न यजीद के आगे, हां वही सर मेरे हुसैन का है।
जकी अंजुम सिद्दीकी ने पढ़ा..जिसमें सरकार के गुंबद का छपा था फोटो, हमने उस उर्दू के अखबार से बातें कर लीं। इनके अलावा सय्यद कमरुज्जमा कमर, सईद अहमद डॉ. काशिफ, नदीम अनवर, जाहिद दिलबर,जमालुद्दीन नय्यर ने भी कलाम पेश किया। अध्यक्षता कमरुज्जमा कमर व संचालन तनवीर ने किया।