यमुना के तटवर्ती गांवो की सैकडो बिघा कृषि भूमि यमुना मे समायी

यमुना के तटवर्ती गांवो की सैकडो बिघा कृषि भूमि यमुना मे समायी
फोटो यमुुना के तटवर्ती गांवो मे यमुना मे गिरती कृषिभूमि

नकुड 2 सितबंर इंद्रेश। यमुना केे जल स्तर कमी आनेे के साथ ही तटवर्ती गांवों में सैंकडो बीघा कृषि भूमि यमुना मे समा रही है। जिससे इन गांवों के किसानो को भारी नुकसान हो रहा है।

यमुना मे हथिनी कुंड बैराज से तीन लाख क्युसैक से अधिक पानी छोडे जाने केे बाद युमना का जल स्तर तेजी से बढा था। तटवर्ती गाव टाबर व मंधोर व ढिक्के के किसानो का कहना है कि अब यमुना के जल स्तर मे धीरे धीरे कमी तो आ रही है। पंरतु अब तटवर्ती कृषि भूमि तेजी से यमुना मेे गिर रही है। नदी का कटाव बढने से इन गांवो में कई सैंकडो बीघा जमीन नदी मे समा रही है। हरियाणा का गंाव पभारी यमनुा की मुख्य धारा से पूर्व की दिशा मे है। इस गांव मे भी यमुना तेजी से कटाव कर रही है।

कृषि भूमि के तेजी से यमुना की धारा से कटकर नदी मे गिरने से किसान चिंतित है। परेशान किसान नदी के तटवर्ती खेतो मे खडी धान व गन्ने की फसल को कच्ची ही काट रहे है। इतना ही नंही जिन खेतो मे पोपलर पेड लगे है उन्हे भी किसान काटने को मजबूर है। उनका कहना है कि जिन पोपुलर के वृक्षो से उन्हे लाखो का लाभ होना था अब उन्हे समय से पहले ही काटने को मजबूर होना पड रहा है। ठेकेदार कुछ हजार रूपये देकर ही पेड काट रहे है। किसानो का कहना है कि पेड नदी मे गिरे रहे गये तो उन्हे कुछ नहंी मिलेगा। समय से पहले पडे कटने से किसानो को लाखो का नुकसान उठाना पड रहा है।

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