मानव योनि को श्रीकृष्ण भावनामृत के योग से किया जा सकता है सफल: अर्द्धमौनी

मानव योनि को श्रीकृष्ण भावनामृत के योग से किया जा सकता है सफल: अर्द्धमौनी
  • सहारनपुर में ज्ञान की अमृत वर्षा करते कथाव्यास धीरशांत दास अर्द्धमौनी।

सहारनपुर। कथा व्यास धीरशान्त दास अर्द्धमौनी ने कहा कि यह जो मनुष्य शरीर मिला हुआ है, यह बड़ा दुर्लभ है, लेकिन जिनको मिल गया है, उनको इसकी दुर्लभता का अनुभव नहीं है। प्राचीन सिद्धपीठ श्री गौदेवी मन्दिर गौशाला, नुमाइश केम्प संचालक विजयकान्त चैहान भगतसिंह जुनियर के नेतृत्व व स्वामी मंगला नंद महाराज के सानिध्य में आयोजित सप्त दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के विश्राम दिवस पर कथा व्यास  धीरशान्त दास अर्द्धमौनी ने बताया यह जो मनुष्य शरीर मिला हुआ है, यह बड़ा दुर्लभ है, लेकिन जिनको मिल गया है, उनको इसकी दुर्लभता का अनुभव नहीं है। हमें लगता है कि यह तो मिला हुआ है ही, इसमें दुर्लभता क्या है।

यह मनुष्य शरीर अनित्य है, इसमें सुख नहीं है, लेकिन इस शरीर में हम परमात्मा की प्राप्ति कर सकते हैं, उस महान् आनन्द का अनुभव कर सकते हैं। महमण्डलेश्वर सन्त कमल किशोर, स्वामी मंगलानंद  महाराज ने कहा कि जो लोग शंख, चक्र, गदा, पद्म, बाण-धनुष और खड्ग धारण करने वाले, लक्ष्मी के मुखारविन्द का मकरन्द पीने के लिये भ्रमर रूप नेत्र वाले वरदायक एवं श्रेष्ठ भगवान् पद्मनाभ का कीर्तन करते हैं। वे अवश्य उन मधुसूदन के धाम में जाते हैं। कथा में यजमान  प्रदीप राजू नागपाल, संजय नागपाल ने  व्यास पीठ का सम्मान पूजन अर्चन तिलक करके किया। श्रीमद भागवत कथा आयोजक विजयककांत चैहान भगतसिंह जूनियर व स्वामी मंगल नंद  महाराज ने आज कथा के विश्राम पर व्यास पीठ पर विराज मान भगवता चार्य आचार्य धीरशांत अर्द्धमौनी महाराज एवं वृंदावन से पहुंचे महंत पवन दास का पगड़ी पटका भगवा शॉल व माल्यार्पण कर फूलो की मशीन से पुष्प वर्षा के साथ स्मृति चिन्ह भेंट कर सनातन गौरव सम्मान से सम्मानित किया गया।

कथा में महेश नारंग, रमेश मेहंदीरत्ता, पण्डित मोहित पाराशर, कैप्टन सतीश शर्मा, अश्वनी छाबड़ा, यशपाल आहूजा, उमा बाठला, पण्डित नीलकंठ शर्मा, पण्डित रजनीश पाराशर, अंकित गुप्ता, मीनू नागपाल, निशा जैन,  आशा सब्बरवाल, पी. एस. पुंडीर, ममता चानना, सुनीता, आशा चैहान, वंदना चुघ, संजय नागपाल, राजू नागपाल, विवेक प्रताप, वरुण प्रताप, सागर, दीपक, गुलशन भंडारी, नसीब सिंह पुंडीर,  आदि ने भागवत भगवान की पूजा और आरती कर गौसेवा रक्षा का संकल्प लिया।

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