प्रसवपूर्व लिंग की जांच करवाना कानूनी अपराध- हृषीकेश पाण्डेय

- सियाराम इन्टर कालेज में कानूनी साक्षरता शिविर का आयोजन
सहारनपुर [24CN] जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव/सिविल जज (सीनियर डिवीजन) श्री हृषीकेश पाण्डेय ने कहा कि लिंग चयन प्रतिषेध अधिनियम 1994 के तहत प्रसवपूर्व लिंग की जांच करवाना कानूनन अपराध है। महिलाओं को यह तय करना होगा कि कन्या भू्रण हत्या में सहभागी न बने, अपनी सोच बदले ताकि लिंगानुपात 1000-898 बालिका से बढकर पुरूषों के बराबर हो जाये। हर बालिका को जन्म लेने का मौलिक अधिकार है उसे जन्म से पूर्व गर्भ में ही न मारे।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष/जनपद न्यायाधीश श्री अश्विनी कुमार त्रिपाठी के मार्गदर्शन में उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा जारी अगस्त 2021 के एक्शन प्लान के तहत श्री हृषीकेश पाण्डेय आज सियाराम इण्टर काॅलेज गागलहेडी में विधिक साक्षरता शिविर के आयोजन में यह बात कही। उन्होने कहा कि विधिक साक्षरता शिविर का मुख्य उद्देश्य आम नागरिको को छोटे छोटे कानूनी की जानकारी देना है जिससे प्रत्येक व्यक्ति को छोटे छोटे कानून की जानकारी प्राप्त करने हेतु परेशानी का सामना ना करना पडें।
उन्होने यौन अपराधाओ के लिये बच्चो का सरक्षण एवं घरेलू हिसॅा अधिनियम पर भी आवश्यक जानकारी दी। उन्होने कहा कि भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 312 के अनुसार कोई भी व्यक्ति जानबूझकर किसी महिला का गर्भपात करता है जब तक कि कोई इसे सदिच्छा से नही करता है और गर्भावस्था का जारी रहना महिला के जीवन के लिये खतरनाक हो उसे सात साल की कैद की सजा दी जायेगी। स्वास्थ्य का अधिकार यह कहता है कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 के अन्र्तगत देश के प्रत्येक नागरिक को जीने का अधिकार है, जीने के अधिकार में स्वास्थ्य का अधिकार वर्णित हैं।
श्री पाण्डेय ने शिक्षा के अधिकार के विषय में बताया कि 6 से 14 साल की उम्र के हरेक बच्चो को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार है। प्रत्येक बालिका को उसके माता- पिता स्कूल अवश्य भेजंे, स्कूल भेजने में गरीबी कहीं बाधक नही है। चाइल्ड लेबर एक्ट की जानकारी देते हुए कहा कि 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों से मजदूरी कराना या काम करवाना जिसके बदले उसे पैसा दिया जाता है बाल मजदूरी के श्रेणी में आता है जो एक दण्डणीय अपराध है। उन्होने किशोर न्याय अधिनियम की भी महत्वपूर्ण जानकारी दी।
सचिव ने 11 सितम्बर 2021 को आयोजित होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत के बारे में भी बताया। उन्होने निःशुल्क कानूनी सहायता, मध्यस्थता केन्द्र व स्थायी लोक अदालत के बारे में भी विस्तार से बताया । कार्यक्रम में कालेज प्रोफेसर श्री सीताराम सहगल ने भी भारत के संविधान व सभी पात्र को निःशुल्क कानूनी सहायता के बारे में बताया। कालेज प्राचार्य डा0 संजय जैन ने सभी का आभार व्यक्त किया और इस प्रकार के आयोजन समय समय पर आयोजित किये जाने की अपेक्षा की। कार्यक्रम का संचालन मुख्य कार्यकारी श्री राजकुमार गुप्ता ने किया।
इस अवसर पर वरिष्ठ प्रवक्ता डा0 कुलवेन्द्र यादव, अनुज, कौशल, मनोज शर्मा, संदीप शर्मा व गीता कश्यप तथा काफी संख्या में कालेज की अध्यापिकायें, अध्यापक व छात्र, छात्राये मौजूद थी।