कोलकाता: बंगाल में भ्रष्टाचार के मामलों के खिलाफ मंगलवार को भाजपा के नवान्न अभियान (राज्य सचिवालय मार्च) के दौरान हावड़ा व कोलकाता रणक्षेत्र में तब्दील हो गए। पुलिस की अनुमति के बगैर नवान्न की तरफ कूच कर रहे भाजपा नेताओं व कार्यकर्ताओं ने रोके जाने पर जगह-जगह लगाए गए बैरिकेड को तोड़ने की कोशिश की, जिसे लेकर पुलिस के साथ उनकी जमकर झड़प हुई। इसमें 363 भाजपा कार्यकर्ता घायल हुए तो करीब 50 पुलिसकर्मी भी जख्मी हो गए।

प्रदेश भाजपा मुख्यालय के पास भी झड़प हुई, जहां पुलिस ने जमकर लाठीचार्ज किया। मार्च शुरू होने से पहले ही पुलिस ने द्वितीय हुगली सेतु के पास विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी, हुगली से भाजपा सांसद लाकेट चटर्जी, पार्टी नेता राहुल सिन्हा समेत अन्य को हिरासत में ले लिया। उधर, कलकत्ता हाई कोर्ट ने इस मामले में ममता सरकार से रिपोर्ट तलब की है। गृह सचिव को 19 सितंबर तक रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है।

हावड़ा के सांतरागाछी व हावड़ा मैदान और कोलकाता के कालेज स्क्वायर से दोपहर को मार्च शुरू होते ही दोनों पक्षों में झड़प शुरू हो गई। करीब चार घंटे तक बवाल चलता रहा। प्रदर्शनकारियों ने इस दौरान पुलिस पर ईंट-पत्थर बरसाए, जिसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज के साथ आंसू गैस के गोले दागे और पानी की बौछार की। इसमें कई भाजपाई घायल हो गए। घायलों में कोलकाता की पूर्व डिप्टी मेयर व भाजपा पार्षद मीना देवी पुरोहित भी शामिल हैं। भाजपा ने पूरे राज्य में 363 कार्यकर्ताओं के घायल होने का दावा किया है, जबकि पुलिस की ओर से एक एसीपी समेत 50 पुलिसकर्मियों के घायल होने की बात कही गई है। 1235 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है। कुल 106 एफआइआर दर्ज की गई हैं। भाजपा ने पुलिस कार्रवाई के खिलाफ बुधवार को ‘काला दिवस’ के तौर पर मनाने का एलान किया है। कार्यकर्ताओं ने एमजी रोड पर पुलिस की गाड़ी फूंक दी।

पुलिस ने कर रखी थी किलेबंदी

विभिन्न जिलों से बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता सोमवार से ही कोलकाता-हावड़ा पहुंच रहे थे। मार्च को विफल करने के लिए पुलिस प्रशासन ने पूरी तैयारी कर रखी थी। जगह-जगह भारी संख्या में पुलिसकर्मियों की तैनाती के साथ नवान्न जाने के सारे रास्तों पर कई किलोमीटर दूर से ही पुलिस ने बैरिकेड लगाकर किलेबंदी कर दी थी। कोलकाता व हावड़ा में 46 जगहों पर बैरिकेड लगाए गए थे और छह हजार पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई थी। साथ ही कई इलाकों में धारा 144 भी लागू थी। यहां तक कि सड़कों पर पांच-पांच फीट तक जमीन खोदकर वेल्डिंग करके ऊंची-ऊंची बैरिकेडिंग की गई थी ताकि कोई इसे तोड़कर आगे न बढ़ सके।

भाजपा का दावा-बाधा के बावजूद लाखों लोग पहुंचे

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजुमदार ने दावा किया है कि तमाम बाधा के बावजूद लाखों लोग पहुंचे। उन्होंने आरोप लगाया कि उत्तर बंगाल समेत विभिन्न जिलों में पुलिस ने पार्टी के लाखों कार्यकर्ताओं को रोक दिया, नहीं तो और भी लोग पहुंचते। पिछले एक साल में भाजपा का बंगाल में यह पहला बड़ा विरोध-प्रदर्शन है। तृणमूल प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि पुलिस ने अशांति फैलाने की एक बड़ी साजिश को विफल कर दिया। वहीं, राज्य के शहरी विकास मंत्री फिरहाद हकीम ने कहा कि अशांति फैलाने के लिए यूपी-बिहार से लोग लाए गए थे।

महिला पुलिसकर्मी से सुवेंदु ने कहा- मुझे मत छुओ

हिरासत में लिए जाने के दौरान पुलिस के वाहन में चढ़ने के लिए मजबूर किए जाने पर सुवेंदु को महिला पुलिसकर्मी से यह कहते सुना गया- ‘मुझे मत छुओ। आप एक महिला हैं।’ वहीं, पार्टी की सांसद लाकेट चटर्जी द्वारा फेसबुक पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में सुवेंदु को यह कहते देखा गया- ‘मैं हर महिला की आंखों में मां दुर्गा को देखता हूं।’

हाई कोर्ट ने दिया रिहाई का आदेश

भाजपा ने शांतिपूर्ण मार्च को रोकने और पुलिस की कार्रवाई के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव ने राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी है। गृह सचिव को रिपोर्ट देने को कहा गया है। इसके साथ ही कोर्ट ने सभी गिरफ्तार लोगों को रिहा करने का आदेश दिया है। सुनवाई के दौरान भाजपा के अधिवक्ता ने सवाल किया कि पुलिस ने शांतिपूर्ण मार्च को क्यों रोका? पुलिस भाजपा के कार्यालय में घुस गई थी। पार्टी के शीर्ष नेताओं को महिला पुलिसकर्मियों ने गिरफ्तार किया।