“हाफिज सईद और मसूद अजहर कैसे भाग निकले? कांग्रेस ने उठाए सवाल, BJP पर ‘आपदा में अवसर’ तलाशने का आरोप”

नई दिल्ली। कांग्रेस ने एक बार फिर केंद्र की मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला है। पार्टी के वरिष्ठ नेता पवन खेड़ा ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश नीति और आतंकी घटनाओं से निपटने के तौर-तरीकों पर सवाल खड़े करते हुए उनकी आलोचना की। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार की नीतियों ने भारत की अंतरराष्ट्रीय छवि को नुकसान पहुँचाया है, और संवेदनशील मसलों पर प्रधानमंत्री के बयान ‘बॉलीवुड संवादों’ जैसे लगते हैं।
खेड़ा ने आरोप लगाया कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले — जिसमें 26 लोगों की जान गई — के बाद बीजेपी ने संकट की इस घड़ी को राजनीतिक लाभ में बदलने की कोशिश की। उन्होंने कहा, “जब देश संकट में था, तब बीजेपी के नेता कश्मीरियों और अल्पसंख्यकों को निशाना बना रहे थे। सोशल मीडिया पर उनके आधिकारिक हैंडल धार्मिक नफरत फैलाने में जुटे थे। ये वही काम है जो पाकिस्तान, जैश-ए-मोहम्मद और जिन्ना चाहते थे।”
कांग्रेस ने जताई एकजुटता, बीजेपी पर ‘विभाजन की राजनीति’ का आरोप
पवन खेड़ा ने बताया कि हमले के बाद विपक्ष ने सरकार से आतंक के खिलाफ एकजुट होकर कार्रवाई करने की मांग की। राहुल गांधी ने अपना विदेशी दौरा बीच में छोड़कर भारत लौटने का फैसला किया, जबकि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने तुरंत कार्यसमिति की बैठक बुलाकर सरकार को समर्थन देने का ऐलान किया। राहुल गांधी ने पहलगाम और पुंछ जाकर हमले के पीड़ितों और प्रभावित लोगों से मुलाकात भी की।
खेड़ा ने कहा, “जब पूरा विपक्ष देशहित में साथ खड़ा था, उस वक्त बीजेपी धार्मिक ध्रुवीकरण और ओछी राजनीति में व्यस्त थी। सोशल मीडिया के जरिए धार्मिक उन्माद फैलाया जा रहा था। यह एक सत्ताधारी दल के लिए दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है।”
‘गंभीर मुद्दों पर गंभीर चर्चा होनी चाहिए’
खेड़ा ने सवाल उठाया कि कई आतंकी घटनाओं के बाद भी सरकार यह नहीं बता पा रही कि हमलावर कहां हैं। उन्होंने पूछा, “2023 में पुंछ, 2024 में गंदेरबल और 2025 में पहलगाम में हुए हमलों के पीछे कौन था? आतंकवादी कहां हैं? संघर्ष विराम किन शर्तों पर हुआ? हाफिज सईद और मसूद अजहर जैसे कुख्यात आतंकी कैसे बच निकले?”
कांग्रेस ने यह भी चेताया कि आने वाले वर्षों में यह सवाल जरूर उठेगा कि जब देश संकट में था, तो कौन क्या कर रहा था।