मुंबई ने कोरोना के कहर को कैसे किया कंट्रोल, जानें क्या बोले बीएमसी कमिश्नर
मुंबई : दिल्ली में कोरोना वायरस के केसों में एक बार फिर से वृद्धि देखी जा रही है. सिर्फ दिल्ली ही नहीं, बल्कि ज्यादातर शहरों के बारे में ऐसा लगता है कि कोरोना के केस तेजी से बढ़ रहे हैं. हालांकि, ऐसा लगता है कि आर्थिक राजधानी मुंबई का मुश्किल वक्त गुजर चुका है. वह क्या चीज थी जिसने मुंबई में कोरोना नियंत्रित करने में मदद की? विशेषज्ञों का कहना है कि लड़ाई अभी बाकी है और मुंबई में जल्द ही फिर से केस बढ़ सकते हैं.
बीएमसी (बृहन्मुंबई म्युनिसिपल कॉरपोरेशन) के कमिश्नर इकबाल सिंह चहल ने इंडिया टुडे से बातचीत की और कोरोना को लेकर मुंबई ने क्या क्या किया और आगे क्या हो सकता है, ऐसे तमाम सवालों का जवाब दिया.
“माय फैमिली माय रेस्पॉन्सिबिलीटी” कैंपेन
उन्होंने कहा, मैं इस बात पर जोर देना चाहूंगा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने एक बहुत ही अनोखा अभियान शुरू किया, जिसका नाम है- “माय फैमिली माय रेस्पॉन्सिबिलीटी”. सितंबर के पहले सप्ताह में ये अभियान शुरू किया गया, जिसके तहत बीएमसी ने 35.1 लाख परिवारों के घरों का दो-दो बार दौरा किया. इसमें झुग्गियों में रहने वालों से लेकर हाई राइज बिल्डिंग में रहने वाले परिवार तक शामिल हैं. हमने उनकी जांच की और हजारों संक्रमित लोगों का पता चला. उन्हें अस्पताल पहुंचाकर उनका इलाज कराया गया.
कोरोना को लेकर क्या करें और क्या न करें, इसे लेकर हमने 60 लाख पर्चे छपवाए और मेडिकल कर्मियों ने घर घर जाकर वितरित किया. हमने लोगों को समझाया कि मास्क, वैक्सीन से कम फायदेमंद नहीं है. हमने ये भी चेतावनी जारी की कि मास्क न पहनने पर जुर्माना लगाया जाएगा. हमने हर दिन 15000 लोगों को बिना मास्क के पकड़ा. हालांकि, जुर्माने की राशि 500 से घटाकर 200 कर दी, क्योंकि हमारा मकसद पैसा बनाना नहीं बल्कि जागरूकता फैलाना था.
“माय फैमिली माय रेस्पॉन्सिबिलीटी” अभियान के तहत हमने पूरे शहर को पेंट किया और 1 हजार से ज्यादा होर्डिंग्स लगाई गईं. बस स्टॉप, दुकानों, कमर्शियल जगहों, कार्यालयों, मॉल समेत पूरे शहर में ‘नो मास्क नो एंट्री’ के स्टिकर लगाए गए.
हमने एक बड़ा अभियान चलाया और इस अभियान का ही नतीजा है कि आज मुंबई में केसों की संख्या काफी कम हो गई है.
कोरोना नियंत्रण में
ये सही है कि कोरोना का खतरा अभी टला नहीं है, लेकिन मुंबई में ये काफी हद तक नियंत्रित है. पिछले हफ्ते मुंबई की पॉजिटिविटी दर 9% थी जो ज्यादा टेस्ट के बावजूद इस हफ्ते घटकर 5.8% पर आ गई है. मार्च के बाद से ये सबसे निचली पॉजिटिविटी दर है. पिछले तीन महीने से मुंबई की कोरोना मृत्यु दर 2% थी, लेकिन अब पिछले एक महीने से ये 1% पर आ गई है. हमारा डबलिंग रेट 310 दिन का हो गया है और प्रसार दर 0.2% है.
सभी आंकड़े अपने निचले स्तर पर हैं. हमारे पास 13 हजार बेड हैं जो खाली हैं. मुंबई में कुल एक्टिव केस 8600 हैं, जिनमें से ज्यादातर होम कोरंटाइन हैं, सिर्फ 2600 मरीज हैं जिनका इलाज चल रहा है.