बाधी में आधे से अधिक तालाब पर बन गये मकान,उच्च न्यायालय के आदेश भी अवैध कब्जा हटवाने मे हो गये नाकाफी
- बाधी मे इसी तालाब है अवैध कब्जे
नकुड 6 अक्टुबर इंद्रेश। प्रदेश सरकार भले ही ग्राम पंचायत की भूमि व जोहड से अवैध कब्जे हटाने के लिये बुलडोजर चला रही हो। पंरतु ग्राउंड पर हालात अलग ही कहानी बंया कर रहे है। बाधी गांव में हाईकोर्ट के आदेश भी जोहड से अवैध कब्जे नहीं हटवा सके । जिसके कारण गांव का गंदा पानी गलियों मे इकटठा हो रहा है। जो संक्रामक बिमारियों फैलने का बडा कारण बन रहा है।
तहसील क्षेत्र के गांव बाधी में खसरा न0 415 जोहड का नंबर है। जिसका कुल रकबा करीब 8 बीघा है। गांव के अश्वनी कुमार, मोनू, रविंद्र आदि ने बताया कि करीब पांच बीघा तालाब पर एक दर्जन से अधिक दबंगो ने अवैध कब्जे करके मकान बना लिये है। जिसके चलते मौके पर मात्र दो बीघे मे ही तालाब बचा है। यह भी बूरी तरह से अटा पडा है । जिसमे खरपतवार भरी पडी है। जिससे गांव का गंदा पानी गांव की गलियांे मे एकत्रित हो रहा है। परिणाम स्वरूप ग्रामीण मलेरिया, चिकिनगुनिया, डेंगु जैसी महामारी का सामना कर रहे है।
ग्रामीणो का दावा है कि उन्होंने तालाब से अवैध कब्जे हटवाने के लिये पूरा प्रयास किया। जब प्रशासनिक स्तर पर काम नंही चला तो उन्होने तहसीलदार न्यायालय मे दावा किया । जिसमे तहसीलदार ने पिछले वर्ष 10 अगस्त को अवैध कब्जे से बेदखली के आदेश परित कर अतिक्रमण करने वालो पर जुर्माना भी ठोका। जिसके बाद आरोपियो ने कलेक्टर के न्यायालय मे अपील की पंरतु उनकी अपील खारिज हो गयी। इसके बावजूद तहसील प्रशासन ने मौके पर बेदखली की कार्रवाई नहीं की । परिणामतः मौके पर अतिक्रमणकारियो का कब्जा नहीं हटा।
अवमानना के की रिट पर पुनः अवैध कब्जे हटाने के हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी नहीं हटे अवैध कब्जे
ग्रामीणो ने तालाब से वैध कब्ज न हटने पर उच्चन्यायालय का सहारा लिया। हाईकोर्ट ने 22 दिसबंर 22 मे तालाब से अवैध कब्जे हटवाने के आदेश पारित कर तहसील प्रशासन को तीन माह मे मौके से अवैध कब्जाकरने वालो को हटाने के आदेश दिये। पंरतु इसके बावजूद तहसील प्रशासन ने कोई कार्रवाई नंही की। जिसके बाद ग्रामीणो ने तहसील प्रशासन के खिलाफ हाईकोर्ट में न्यायालय की अवमानना का मुकदमा दर्ज कराया। जिस पर हाई कोर्ट ने एक बार फिर 24 जुलाई को एक बार फिर तीन माह के अंदर तालाब की जमीन को कब्जा मुक्त कराने के आदेश पारित कर दिये। पंरतु तहसील प्रशासन ने हाईकोर्ट के आदेशो को भी ताक पर रख दिया। उच्च न्यायालय द्वारा तालाब से अवैध कब्जे हटवाने के लिये दिया गया तीन माह का समय भी अब खत्म होने को है पंरतु अभी तक भी प्रशासन ने तालाब से अवैध कब्जे नंही हटाये। जिससे गांव की समस्या जस की तस बनी हुई है।
परेशान ग्रामीणो ने जिलाधिकारी को शिकायती पत्र देकर तालाब की जमीन पर अतिक्रमण करने वालो को तुरंत हटवाने व तालाब की खुदायी कराने की मांग की है। उच्चन्यायालय के आदेशो का क्रियान्वयन न होने से नाराज ग्रामीण एक बार फिर हाईकोर्ट मे जाने की तैयारी कर रहे है।
तहसीलदार ने कहा
उधर तहसीलदार राधेश्याम शर्मा ने कहा कि न्यायालय द्वारा दी गयी निर्धारित समय सीमा मे अवैध कब्जे हटवा दिये जायेगें। कब्जाधारी गरीब लोग है। उन्हे तालाब की भूमि से हटवाने का प्रयास किया जा रहा है।