‘G20 में शामिल होने के लिए विमान को लैंडिंग की अनुमति नहीं’, गहलोत-बघेल के दावे पर गृह मंत्रालय का आया बयान
सीएम अशोक गहलोत और भूपेश बघेल ने दावा किया था कि उन्हें दिल्ली में लैंडिंग की इजाजत नहीं दी गई। अब सीएम के दावे के बाद गृह मंत्रालय का बयान सामने आया है। मंत्रालय ने सफाई देते हुए सीएम के दावे को खारिज कर दिया है। मंत्रालय ने कहा कि किसी भी राज्यपाल या मुख्यमंत्री के विमान की आवाजाही पर रोक नहीं लगाई गई है।
नई दिल्ली। जी20 समिट का आगाज होने के साथ ही देश की सियासत भी गरमा गई है। जी20 में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को बुलावा ना आने पर जहां विपक्ष सरकार पर हमलावर है, वहीं अब शिखर सम्मेलन के डिनर को लेकर सियासी पारा चढ़ गया है।
दरअसल, राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने दावा किया था कि उन्हें दिल्ली में लैंडिंग की इजाजत नहीं दी गई। वहीं, छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने कहा था कि हम जी20 (G20 Summit) के डिनर में कैसे जा सकते हैं, जब सरकार ने दिल्ली को तो नो फ्लाइंग जोन घोषित कर दिया है।
अब दोनों नेताओं के दावे के बाद गृह मंत्रालय का बयान सामने आया है। मंत्रालय ने सफाई देते हुए सीएम के दावे को खारिज कर दिया है।
गृह मंत्रालय ने क्या कहा?
गृह मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि जी20 समिट को लेकर हवाई सुरक्षा बढ़ाई गई है और चौकसी में इजाफा किया गया है। हालांकि, मंत्रालय ने कहा कि किसी भी राज्यपाल या मुख्यमंत्री के विमान की आवाजाही पर रोक नहीं लगाई गई है। सीएम के विमान की लैंडिंग पर कोई रोक नहीं लगाई गई है।
राज्यपालों और मुख्यमंत्रियों की आवाजाही पर रोक नहीं
गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि हमने स्पष्ट किया है कि 8 से 11 सितंबर को दिल्ली में जी20 नेताओं के शिखर सम्मेलन के चलते एक उच्च तकनीकी सुरक्षा हवाई कवर तैनात किया गया है। हालांकि, राज्यपालों और राज्य के मुख्यमंत्रियों के विमानों की आवाजाही को अनुमति मिली हुई है।
मंत्रालय ने कहा कि सीएम राजस्थान के किसी भी अनुरोध को अस्वीकार नहीं किया गया है। केवल निजी चार्टर्ड विमानों को गृह मंत्रालय से विशेष अनुमोदन की आवश्यकता है।