अयोध्या विवाद पर फैसले की घड़ी, गृह मंत्रालय ने राज्यों को किया अलर्ट
खास बातें
- केंद्र ने 4000 अतिरिक्त अर्धसैनिक बल यूपी के लिए भेजा
- आरपीएफ कर्मियों की छुट्टियां रद्द, सुरक्षा एडवायजरी जारी
- 17 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं मुख्य न्यायाधीश गोगोई
- अयोध्या में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी, सील हो रहीं गलियां-सड़कें
अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने से पहले केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को अतिरिक्त सतर्कता बरतने और कानून-व्यवस्था की स्थिति पर कड़ी नजर बनाए रखने को कहा है। इसके साथ ही अर्धसैनिक बल के 4,000 जवानों को एहतियातन उत्तर प्रदेश भेजा गया है। दूसरी ओर, आरपीएफ ने भी अपने सभी कर्मियों की छुट्टियां रद्द कर 78 महत्वपूर्ण स्टेशनों की सुरक्षा-व्यवस्था का अलर्ट जारी किया है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को सभी राज्यों को भेजे सामान्य परामर्श में कहा है कि वे किसी भी तरह की अप्रिय स्थिति न बनने दें। सुरक्षा-व्यवस्था बनाने में यूपी सरकार की मदद के लिए 40 कंपनी अतिरिक्त अर्धसैनिक बल भेजे गए हैं। इनकी तैनाती खासतौर से अयोध्या सहित अन्य संवेदनशील स्थानों पर की जाएगी। गौरतलब है कि सीजेआई रंजन गोगोई 17 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं। ऐसे में इस मामले का फैसला उससे पहले आने की संभावना है।
अयोध्या में सुरक्षा कड़ी, सील हो रहीं गलियां-सड़कें
भीड़भाड़ वाले 78 स्टेशनों की सुरक्षा बढ़ाने का निर्देश
आरपीएफ कर्मियों की छुट्टी रद कर ट्रेनों में गश्त बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। रेलवे परिसरों और आसपास बने धार्मिक स्थलों की भी निगरानी करने को कहा गया है। आरपीएफ ने दिल्ली, महाराष्ट्र और यूपी सहित देश के 78 ऐसे स्टेशन चिह्नित किए हैं जहां, यात्रियों की आवाजाही ज्यादा होती है। इन सभी की सुरक्षा बढ़ाने को कहा गया है।
अयोध्या फैसले पर न जश्न हो न ही प्रदर्शन : जस्टिस हेगड़े
गौरतलब है कि सीजेआई रंजन गोगोई का कार्यकाल 17 नवंबर को पूरा हो रहा है और सुप्रीम कोर्ट उससे पहले अयोध्या मामले में फैसला सुना सकता है। हेगड़े ने कहा, जीतने वाले पक्ष को फैसले को गरिमापूर्ण ढंग से लेना होगा। हारने वाले पक्ष को इसे देश की सर्वोच्च अदालत का फैसला मानते हुए पूरे आदर के साथ ग्रहण करना चाहिए। हर किसी को इस फैसले का सम्मान करना होगा और इसका विरोध किसी हाल में नहीं किया जाना चाहिए।