मध्यप्रदेश में हिंदी में मेडिकल की पढ़ाई की शुरुआत होने के बाद से ही मातृभाषा में पढ़ाई करने वाले के लिए जोर दिया जा रहा है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने तमिलनाडु सरकार से तमिल भाषा में इंजीनियरिंग और मेडिकल की पढ़ाई पर जोर देने की अपील की. Amit Shah ने राज्य सरकार से चेन्नई में आयोजित एक कार्यक्रम तमिल भाषा को प्रमोट करने की गुजारिश की. दरअसल, देशभर में मातृभाषा में पढ़ाई करवाने पर जोर दिया रहा है. इसके पीछे की वजह ये बताई जा रही है कि इससे छात्रों को किसी भी सब्जेक्ट को समझने में आसानी होगी.
गृह मंत्री ने राज्य सरकार से दरख्वास्त किया कि मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई तमिल भाषा में प्रमोट करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि तमिल भाषा को लागू करने पर गंभीरता से ढंग से विचार करना चाहिए. गृह मंत्री ने कहा है देश के अन्य हिस्सों में अलग-अलग क्षेत्रीय भाषाओं में मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई की शुरू हो गई है, यदि तमिल भाषा में अगर इसको प्रमोट किया जाए तो वहां के लोगों को इसका काफी फायदा मिल सकता है.
उत्तराखंड में होगी हिंदी में MBBS की पढ़ाई
गौरतलब है कि उत्तराखंड के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में अगले सेशन से एमबीबीएस कोर्सेज की पढ़ाई अंग्रेजी के साथ ही हिंदी माध्यम में भी होगी. मध्यप्रदेश के बाद ऐसा करने वाला उत्तराखंड देश का दूसरा राज्य होगा. इसके लिए प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा विभाग ने पौड़ी जिले के श्रीनगर स्थित राजकीय मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सीएमएस रावत की अध्यक्षता में एक चार सदस्यीय विशेषज्ञ समिति का गठन कर दिया है.
यह समिति मध्यप्रदेश सरकार के मेडिकल कॉलेजों में लागू एमबीबीएस के हिंदी पाठ्यक्रम का अध्ययन कर उत्तराखंड के कॉलेजों के लिए नए पाठ्यक्रम का मसौदा तैयार करेगी. प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री धनसिंह रावत ने बताया कि समिति द्वारा मसौदा तैयार करने के उपरांत सभी औपचारिकताएं पूरी कर अगले सत्र से प्रदेश के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में इसे लागू कर दिया जाएगा.
उन्होंने कहा कि केंद्र द्वारा राष्ट्रभाषा हिंदी को दिए जा रहे विशेष महत्व के मद्देनजर यह निर्णय किया गया है. रावत ने कहा कि वैसे भी प्रदेश के अधिकतर स्कूलों में छात्र-छात्राओं की पढ़ाई हिंदी माध्यम से ही कराई जाती है और अक्सर देखने में आया है कि हिंदी माध्यम में अपनी स्कूली शिक्षा ग्रहण करने वाले छात्र-छात्राओं को अंग्रेजी माध्यम से होने वाली मेडिकल की पढ़ाई में दिक्कत होती है.