हिन्दू संस्कृति विश्व में श्रेष्ठ: अशोक कुमार तिवारी

- मदरसो का देश के विकास में कोई योगदान नहीं
- सरकार को सभी मदरसों की जांच कर सख्त कार्यवाही करनी चाहिए।
देवबंद [24CN]: भायला इन्टर कॉलेज में चल रहे बजरंग दल के शौर्य प्रशिक्षण वर्ग के सातवें दिन विश्व हिन्दू परिषद के केंद्रीय मंत्री व राष्ट्रीय प्रवक्ता अशोक कुमार तिवारी ने अपने बौद्धिक सत्र में बजरंगियों को संबोधित करते हुए कहा कि हिन्दू संस्कृति विश्व में श्रेष्ठ है। उन्होंने हिन्दू संस्कृति की परिभाषा देते हुए कहा कि जो भी कार्य जगत के कल्याण के लिए किया जाता है वही हिन्दू संस्कृति कहलाती है। हम सम्पूर्ण जगत को अपना परिवार मानते है।
विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि दूसरों को पीड़ा देना पाप है। जितना पाप व अत्याचार दूसरों पर करेंगे उतना ही पाप व अत्याचार सहने के लिए भी तैयार रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि हिन्दू धर्म व संस्कृति की उत्पत्ति सृष्टि की उत्पत्ति के साथ ही हुई है, अन्य धर्म-मत व संप्रदाय भिन्न-भिन्न व्यक्ति विशेष द्वारा शुरू किए गए। इसलिए हिन्दू संस्कृति ही श्रेष्ठ है। हिन्दू संस्कृति के लिए ही बजरंग दल जैसे संगठन युवाओं के बीच आज अपना विस्तार कर रहे है। हम सब लोगों को भी अपने धर्म व संस्कृति के लिए कार्य करते हुए भारत माता को परम वैभव पर पँहुचाने का संकल्प लेना होगा। हम दुनिया मे श्रेष्ट थे, है और रहेंगे।
अशोक तिवारी ने कहा कि मुस्लिम मदरसो का देश के विकास में कोई योगदान नहीं है, ये केवल कट्टरता व द्वेष फैला रहे है। देश, धर्म व संस्कृति को नष्ट किए जाने के लिए इन मदरसों को बड़े स्तर पर विदेशी फंडिंग हो रही है। सरकार को सभी मदरसों की जांच कर सख्त कार्यवाही करनी चाहिए। बौद्धिक सत्र में प्रांत संयोजक विकास त्यागी, प्रांत सह-संयोजक गौरव भटनागर, विश्व हिन्दू परिषद के प्रांत संगठन मंत्री नागेन्द्र जी, बजरंग दल के प्रांत सुरक्षा प्रमुख मिलन सोम, विश्व हिन्दू परिषद के जिलाकार्याध्यक्ष डॉ वीरेंद्र चौधरी, जिला मंत्री अमित वशिष्ट, जिला प्रचार प्रमुख दिग्विजय त्यागी, अक्षय धीमान, मोंकित पुंडीर, बृजेश, नरेंद्र पुंडीर, आदि उपस्थित रहे।
प्रशिक्षण वर्ग में बजरंगियों में जबरदस्त अनुशासन
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 25 जिलों से प्रशिक्षण प्राप्त करने आए बजरंग दल कार्यकर्ताओ का अनुशासन देखते ही बनता है। दिनभर की दिनचर्या का एक साथ पालन करते है। समयानुसार बौद्धिक सत्रों व अलग अलग कार्यक्रमों में भाग लेते है। कॉलेज परिसर में सफाई व्यवस्था का पूर्ण ध्यान रखते है। पेड़ पौधों की देखभाल भी स्वयं ही करते है।