हिन्द की चादर गुरू तेग बहादुर जी का 400 वां प्रकाश पर्व मनाया

हिन्द की चादर गुरू तेग बहादुर जी का 400 वां प्रकाश पर्व मनाया
  • गुरवाणी कीर्तन करता रागी जत्था ।

देवबंद [24CN]: गुरूद्वारा श्री गुरूनानक सभा में हिन्द की चादर साहिब श्री गुरू तेग बहादुर जी महाराज का 400 वां प्रकाश पर्व श्रद्धा व उत्साह से मनाया गया।
संगतों को सम्बोधित करते हुए गुरूद्वारा कमेटी के प्रधान सेठ कुलदीप कुमार ने कहा कि गुरू तेग बहादुर जी ने हिन्दू धर्म की रक्षा के लिए दिल्ली के चांदनी चैक पर अपनी शहादत दे दी। पूरे विश्व के हिंदू धर्म को मानने वाले लोग उनके ऋणी है।

गुरूद्वारा कमेटी के सचिव गुरजोत सिंह सेठी ने कहा कि गुरू तेग बहादुर जी का जन्म छवें पातशाह साहिब श्री गुरू हरगोबिंद जी के घर सन् 1621 में हुआ था। युद्ध क्षेत्र में उनकी निर्भिकता को देखकर पिता जी ने उनका नाम त्याग मल से तेग बहादुर रखा था। बादशाह औरंगजेब द्वारा जबरन धर्म परिवर्तन कराने पर कश्मीरी पंडित गुरू जी के पास फरियाद लेकर पंहुचे तो गुरू जी ने कहा कि बादशाह को संदेश भिजवा दो कि यदि वे गुरू तेग बहादुर को इस्लाम कबूल करवा दे तो हम सब भी इस्लाम कबूल कर लेंगे। अपने नापाक मंसूबों को पूरा करने के लिए औरंगजेब ने गुरू जो बंदी बना लिया। पहले गुरू जी के साथ आए भाई मतिदास जी, भाई सतिदास जी, भाई दयाला जी को शहीद किया गया आखिरी में गुरू जी को दिल्ली के चांदनी चैक पर सिर धड़ से अलग कर शहीद कर दिया गया। हजूरी रागी भाई गुरदयाल सिंह, अमनदीप सिंह व भाई हरजीत सिंह बेदी (यमुनानगर) ने गुरवाणी गायन कर संगत को निहाल किया। कीर्तन उपरांत गुरू का अटूट लंगर बरताया गया।
इस दौरान श्याम लाल भारती, बालेंद्र सिंह, चंद्रदीप सिंह, सतीश गिरधर, विजय गिरधर, राजेश अनेजा, बलदीप सिंह, सन्नी सेठी, सिमरनजीत सिंह, चन्नी बेदी, जितेश बतरा, हर्ष भारती, हर्षदीप मनचंदा, हरविंदर सिंह बेदी, अमनदीप कपूर आदि मौजूद थे।