बेंगलुरु। कर्नाटक में हिजाब को लेकर मचे हंगामे के बीच सोमवार से 10वीं तक के स्कूल खुल रहे हैं। मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने पठन-पाठन का कार्य शांति और सौहार्दपूर्ण माहौल में पठन-पाठन का काम होने की उम्मीद जताई है। साथ ही चेतावनी देते हुए यह भी कहा है कि गड़बड़ी करने वालों को सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उडुपी जिले में शैक्षणिक संस्थानों के 200 मीटर के दायरे में धारा 144 लगा दी गई है जो 19 फरवरी तक जारी रहेगी। इस बीच सोमवार से ही शुरू हो रहे विधानसभा के संयुक्त सत्र में भी इस मसले को लेकर हंगामे के आसार हैं।

उच्‍च शिक्षण संस्‍थानों को खोलने पर बाद में फैसला

हुबली में रविवार को संवाददाताओं से बातचीत में मुख्यमंत्री बोम्मई ने कहा कि हालात की समीक्षा करने के बाद प्री-यूनिवर्सिटी और डिग्री कालेजों को खोलने का फैसला किया जाएगा। हिजाब विवाद के चलते राज्य सरकार ने नौ फरवरी को सभी शिक्षण संस्थानों को तीन दिन के लिए बंद करने की घोषणा की थी।

हाई कोर्ट लगा रखी है रोक

कर्नाटक हाई कोर्ट के फैसले के बाद राज्य सरकार सरकार ने हाई स्कूलों को 14 फरवरी से खोलने का एलान किया था। हाई कोर्ट ने फैसला आने तक शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब, भगवा गमछा या धार्मिक पहचाने वाले किसी भी पोशाक के पहनने पर रोक लगा दी है।

एजेंसियों ने संज्ञान लिया

हिजाब विवाद के पीछे कुछ संगठनों और विदेशी हाथ होने संबंधी सवाल पर बोम्मई ने कहा कि मीडिया और इंटरनेट मीडिया पर इस तरह की खबरों का जांच एजेंसियों ने संज्ञान लिया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की पहली प्राथमिकता स्कूल खोलना और शांत माहौल में पढ़ाई शुरू कराना है, क्योंकि मार्च-अप्रैल में बोर्ड परीक्षाएं शुरू होने वाली हैं।

अभिभावकों के साथ बैठक करने का निर्देश

उन्होंने कहा कि जिलाधिकारियों और स्कूल प्रबंधन से छात्रों व अभिभावकों के साथ बैठक कर सौहार्दपूर्ण माहौल बनाने को कहा गया है। उडुपी में भाजपा विधायक रघुपति भट ने अधिकारियों, बच्चों के माता-पिता और विभिन्न दलों के नेताओं के साथ रविवार को बैठक भी की। हिजाब विवाद उडुपी के ही सरकारी ग‌र्ल्स प्री-यूनिवर्सिटी कालेज से शुरू हुई थी

राजनीतिक रंग ले चुका है हिजाब विवाद

हिजाब विवाद ने पूरे देश में राजनीतिक रंग ले लिया है। कर्नाटक में तो यह मुद्दा गरम है ही। ऐसे में राज्य विधानसभा के संयुक्त सत्र में भी इसको लेकर हंगामा होने के आसार हैं। यह सत्र 25 फरवरी तक चलेगा। पहले दिन दोनों सदनों के संयुक्त सत्र को राज्यपाल थावर चंद्र गहलोत संबोधित करेंगे। पिछले साल जुलाई में राज्यपाल का पदभार संभालने के बाद गहलोत के लिए संयुक्त सत्र को संबोधित करने का यह पहला मौका होगा।