हेमंत सोरेन का उम्र विवाद: 2019 में 42 और 2024 में 49, पांच साल में सात साल बढ़ी उम्र, झारखंड में हलचल
झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की उम्र को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। सोरेन ने अपने हालिया चुनावी हलफनामे में उम्र 49 वर्ष बताई है, जबकि 2019 में उन्होंने इसे 42 वर्ष बताया था। इस तरह, उनके अनुसार, पिछले पांच साल में उनकी उम्र में सात साल का इजाफा हुआ है। इस पर राजनीतिक गलियारे में हलचल मच गई है। इंडिया गठबंधन के नेता आरोप लगा रहे हैं कि बीजेपी को अपनी हार की संभावना का एहसास हो गया है, इसलिए इस तरह के मुद्दे उठाए जा रहे हैं। हालांकि, चुनाव आयोग की वेबसाइट पर मौजूद उनके हलफनामे सभी के सामने हैं, जिससे सवाल उठना स्वाभाविक है।
आमतौर पर चुनावों में उम्मीदवारों की उम्र को लेकर फर्जीवाड़े की बातें सुनने को मिलती हैं, लेकिन यहां तो खुद मुख्यमंत्री की उम्र में अनियमितता उजागर हुई है। उल्लेखनीय है कि सोरेन को भ्रष्टाचार के आरोप में अपना पद छोड़ना पड़ा था और जमानत मिलने के बाद वह दोबारा मुख्यमंत्री बने हैं। ऐसे में चुनाव से पहले झारखंड में यह मुद्दा गर्माया हुआ है।
विवाद की जड़:
हेमंत सोरेन के 2019 में प्रस्तुत हलफनामे में उम्र 42 वर्ष थी, जबकि 2024 में यह 49 वर्ष हो गई है। इस स्थिति पर विपक्ष ने सवाल उठाए हैं। सोरेन के समर्थक कहते हैं कि सभी दस्तावेजों की जांच के बाद ही आवेदन स्वीकार होते हैं और चुनाव अधिकारियों ने उनके आवेदन को मान्यता दी है। कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा, “भाजपा मुद्दों को भटकाने के लिए नए-नए आरोप लगाएगी। हमें भरोसा है कि हम जीतेंगे और पुनः सरकार बनाएंगे।”
बीजेपी का हमला:
बीजेपी के नेता शहजाद पूनावाला ने इस विवाद पर हमला करते हुए कहा, “जेएमएम का मतलब है ‘झोल, मुस्लिम तुष्टिकरण और माफिया’। भ्रष्टाचार के नए मानक स्थापित करने वाली जेएमएम सरकार अब हलफनामों में भी भ्रष्टाचार कर रही है।” वहीं, झारखंड मुक्ति मोर्चा की राज्यसभा सांसद महुआ माझी ने कहा, “बीजेपी हर मुद्दे को उठाती है, लेकिन हम विकास के मुद्दों पर चुनाव लड़ेंगे और निश्चित रूप से जीतेंगे।”