नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में सोमवार सुबह से छाए बादल दोपहर होते-होते बरस गए, जिससे लोगों को गर्मी और उमस से राहत मिली है। मिली जानकारी के मुताबिक, दिल्ली के साथ नोएडा और गाजियाबाद में भी कहीं तेज कहीं मध्यम स्तर की बारिश हुई है।
गर्मी और उमस से मिली राहत
सोमवार को दोपहर में हुई बारिश के चलते पिछले एक सप्ताह से भी अधिक समय से गर्मी और उमस से परेशान लोगों को राहत मिली है। कहा जा रहा है कि मंगलवार को भी इसी तरह की हल्की बारिश हो सकती है, जिससे गर्मी से और राहत मिल सकती है।
ठंडी हवाएं दे रहीं राहत
दिल्ली-एनसीआर में बारिश खत्म होने के बाद ठंडी हवाएं चल रही है, जिससे गर्मी और उमस का असर कम हुआ है। कहा जा रहा है कि ठंडी हवाओं के चलने का दौर सोमवार शाम तक जारी रह सकता है। इस बीच तेज धूप निकली तो लोगों को परेशान हो सकती है, क्योंकि इससे उमस बढ़ने का खतरा है।
मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि मंगलवार को भी कहीं कहीं बूंदाबांदी हो सकती है। मौसम विभाग के मुताबिक अभी 16 तारीख तक कमोबेश ऐसा ही मौसम बना रहेगा।
वहीं, इससे पहले रविवार का दिन भी उमस भरी गर्मी में ही बीत गया। पश्चिमी दिल्ली के कुछ इलाकों में जरूर छिटपुट बरसात हुई, लेकिन बाकी सभी जगहों पर सूखा पड़ा रहा। बादलों और सूरज में लुकाछिपी के बीच उमस ने भी दिन भर परेशान किया।
रविवार को दिल्ली में अधिकतम तापमान सामान्य से एक डिग्री कम 34.9 डिग्री सेल्सियस जबकि न्यूनतम तापमान सामान्य स्तर पर 27.5 डिग्री सेल्सियस रहा। हवा में नमी का स्तर 89 से 66 प्रतिशत दर्ज हुआ। जहां त बरसात का सवाल है तो जाफरपुर में चार मिमी हुई और पालम व आयानगर में बूंदाबांदी तक सिमट गई।
दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर भारत के कई राज्यों में मानसून रूठ गया है। लगातार 10 दिन से बारिश को लेकर भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (Indian Meteorological Department) का पूर्वानुमान गलत साबित हो रहा है।
इस बीच देश की राजधानी दिल्ली, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बारिश नहीं होने के पीछे पाकिस्तान का कनेक्शन भी सामने आया है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक, उत्तरी पाकिस्तान में अचानक ही कम दबाव का क्षेत्र बन जाने के चलते हवाओं का रुख बदल गया।
दरअसल, उत्तरी पाकिस्तान में तापमान ज्यादा और नमी कम होने से हवाओं के कम दबाव का क्षेत्र बन गया। यह राजस्थान के साइक्लोनिक एरिया से ज्यादा प्रभावी रहा।
ऐसे में अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से आने वाली नम हवाएं पाकिस्तान की ओर चली गईं और वहां पर जमकर बरसीं। वहीं बंगाल की खाड़ी से उत्तराखंड होकर आने वाली नमी हवाएं दिल्ली-एनसीआर तक नहीं पहुंच पाई।
बताया बारिश न होने का कारण
विशेषज्ञों ने शुष्क मौसम के लिए मानसून की अक्षीय रेखा के मध्य भारत की ओर बढ़ने के लिए जिम्मेदार ठहराया, जो ओडिशा पर एक कम दबाव वाला क्षेत्र विकसित होने के कारण बाद में गुजरात की ओर बढ़ रहा रहा था।
स्काईमेट वेदर के उपाध्यक्ष (मौसम विज्ञान और जलवायु परिवर्तन) महेश पलावत ने कहा कि कम दबाव के क्षेत्र ने ट्रफ रेखा को मध्य भारत की ओर खींच लिया था, जिससे वहां भारी वर्षा हुई।
चक्रवाती परिसंचरण के विकास के कारण नहीं हुई बारिश
मगर पिछले 24 घंटों में दक्षिण-पश्चिम राजस्थान और दक्षिण पाकिस्तान के आसपास के हिस्सों पर एक चक्रवाती परिसंचरण के विकास ने ऐसा नहीं होने दिया। मानसून ट्रफ दिल्ली और आसपास के इलाकों के पास आती है। यह अभी भी दिल्ली के दक्षिण में अटकी हुई है और बीकानेर और कोटा से होकर गुजरती है।बेहतर ही चल रही अभी हवा की गुणवत्ता
मौसम की मेहरबानी से हवा की गुणवत्ता अभी बेहतर ही चल रही है। रविवार को भी दिल्ली एनसीआर की वायु गुणवत्ता संतोषजनक से मध्यम श्रेणी में दर्ज की गई।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा जारी एयर क्वालिटी बुलेटिन के अनुसार दिल्ली का एयर इंडेक्स 71, फरीदाबाद का 88, गाजियाबाद का 81, ग्रेटर नोएडा का 58 गुरुग्राम का 105 व नोएडा का एयर इंडेक्स 72 दर्ज किया गया। सफर इंडिया के मुताबिक अभी वायु गुणवत्ता का यही स्तर बरकरार रहने के आसार हैं।