दिल्ली-NCR में झमाझम बारिश, UP व बिहार को भी मिलेगी गर्मी से राहत; जल्द देश में छाएगा मानसून

दिल्ली-NCR में झमाझम बारिश, UP व बिहार को भी मिलेगी गर्मी से राहत; जल्द देश में छाएगा मानसून

दिल्ली-NCR में सुबह-सुबह मौसम सुहावना हो गया है। दिल्ली-NCR में बारिश हुई है। जिससे लोगों को गर्मी से राहत मिली है। मौसम विभाग ने कहा कि 26 जून तक पूरे उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश तथा इस महीने के अंत तक पूरे देश में मॉनसून सक्रिय हो जाएगा।

नई दिल्ली। दिल्ली-NCR में सुबह-सुबह मौसम सुहावना हो गया है। दिल्ली-NCR में बारिश हुई है। जिससे लोगों को गर्मी से राहत मिली है। मौसम विभाग ने कहा कि 26 जून तक पूरे उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश तथा इस महीने के अंत तक पूरे देश में मॉनसून सक्रिय हो जाएगा।

26 जून से सक्रिय होगा मॉनसून

पश्चिम में चक्रवात के धीरे-धीरे क्षीण पड़ने के साथ ही पूर्व यानी बंगाल की खाड़ी में मॉनसून की सक्रियता बढ़ने लगी है। हीट वेव (लू) से बेदम बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश के जिलों को एक-दो दिन में ही राहत मिल सकती है। इसके अलावा राजस्थान के कोटा और मध्य प्रदेश के ग्वालियर संभाग के आसपास निम्न दाब का क्षेत्र बनने से बंगाल की खाड़ी की नम हवा को रास्ता मिलने लगा है। मौसम विभाग का कहना है कि 26 जून तक पूरे उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश तथा इस महीने के अंत तक पूरे देश में मॉनसून सक्रिय हो जाएगा।

मौसम विज्ञानियों ने क्या कहा

मौसम विज्ञानियों के मुताबिक, अरब सागर के चक्रवात से गुजरात और राजस्थान में अभी तबाही की वर्षा जरूर हो रही है, किंतु यह अलनीनो के असर को भी हल्का कर रही है। निजी एजेंसी स्काईमेट के प्रवक्ता महेश पलावत का कहना है कि चक्रवात वाली हवा अभी पर्याप्त मात्रा में नमी लेकर ग्वालियर संभाग की ओर बढ़ रही है।

मध्य प्रदेश में होगी अगले कुछ दिनों में बारिश

दो दिनों में राजस्थान से वर्षा की स्थितियां मध्य प्रदेश में शिफ्ट कर जाएंगी। इसके बाद लखनऊ और कानपुर के आसपास निम्न दाब का क्षेत्र बनेगा जो हवा को अपनी ओर खींचेगा। इससे मानसून को संबल मिलेगा और अगले तीन से चार दिनों में मध्य प्रदेश के साथ उत्तर प्रदेश के कई क्षेत्रों में भी भारी वर्षा होगी।

उत्तर प्रदेश के सभी हिस्सों तक पहुंचेगा मानसून

मौसम विज्ञानियों का अनुमान है कि अगले आठ दिनों के भीतर उत्तर प्रदेश के सभी हिस्सों तक मानसून पहुंच जाएगा। इस बीच बंगाल की खाड़ी से नमी युक्त हवा आती रहेगी। अरब सागर से भी नमी वाली हवा आगे बढ़ेगी। दोनों तरफ की हवाओं से पूरे देश में महीने भर तक भरपूर वर्षा होगी।

सिर्फ गुजरात और राजस्थान का वह क्षेत्र कुछ दिनों तक सूखा रह सकता है, जहां आज चक्रवात के चलते भारी बारिश से तबाही की स्थिति है। हालांकि वहां भी लगभग हफ्ते भर के विराम के बाद वर्षा की स्थितियां बन जाएंगी।

एक-दो दिनों में मिलेगी लू से राहत

देश की दो दिशाओं में मौसम की दो दशाएं चल रही हैं। पश्चिम में घनघोर वर्षा है तो पूर्व में हीट वेव का कहर, लेकिन अच्छा संकेत है कि लू से परेशान बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश के लोगों को एक-दो दिनों में राहत मिलेगी।

बिहार में मानसून होगा सक्रिय

आइएमडी का कहना है कि पूर्वी उत्तर प्रदेश से लेकर बिहार, उत्तरी आंध्र प्रदेश एवं तेलंगाना तक के लंबे क्षेत्र में सात-आठ दिनों से हीट वेव की स्थितियां बनी हुई हैं। यहां औसतन पांच से 10 डिग्री तक सामान्य से ज्यादा तापमान है, किंतु सोमवार से बिहार में वर्षा शुरू हो गई है। हीट वेव की आशंका भी खत्म हो गई है। एक-दो दिनों में ही संपूर्ण बिहार में मानसून सक्रिय हो जाएगा।

कई राज्यों में चली बड़े पैमाने पर लू

इस साल मुख्यतया छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश, पूर्वी मध्य प्रदेश तेलंगाना, ओड़िशा, आंध्र प्रदेश और तटीय क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर लू चली। यहां अधिकतम तापमान सामान्य से चार से पांच डिग्री तक ऊपर रहा।

तमिलनाडु में भारी बारिश को लेकर अलर्ट

मौसम विभाग ने तमिलनाडु के कई शहरों में बारिश को लेकर अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग ने कहा कि चेन्नई, तिरुवल्लुर, कांचीपुरम और चेंगलपट्टू जिलों में अगले कुछ घंटों भारी बारिश की संभावना है। आईएमडी के अनुसार, तीन घंटे के दौरान थिरवल्लुर, क्लैनई, कांचीपुरानी और चेंगलपट्टू जिलों में अलग-अलग स्थानों पर मध्यम बारिश और हल्की बारिश होने की संभावना है।

मौसम विभाग ने अप्रैल में ही दिए थे संकेत

मौसम विभाग ने अप्रैल के अंत में ही इस आशय की सूचना दे दी थी कि उक्त इलाकों में गंभीर लू चलेगी। यह भी बताया गया था कि चूंकि यहां पश्चिमी विक्षोभ या साइक्लोनिक सर्कुलेशन जैसी किसी गतिविधि के अभाव में इसका असर भी ज्यादा भयंकर हो सकता है, लेकिन बताया जाता है कि इस पूर्व सूचना के बाद भी स्थानीय स्तर पर इससे बचाव के लिए कोई उपाय नहीं किए गए।

मौसम विज्ञानियों के अनुसार उक्त इलाकों में लू से मौत भी इसीलिए ज्यादा हुईं क्योंकि वहां पर न 24 घंटे बिजली आपूर्ति है और न बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं।


विडियों समाचार