दिल की धड़कन आंख का तारा जिंदाबाद, सबसे प्यारा देश हमारा जिंदाबाद: चांद देवबंदी
- साहित्यिक संस्था बज्म-ए-अदब के तत्वावधान में मुशायरा का आयोजन किया गया। इसमें शायरों ने सुंदर कलाम सुनाकर श्रोताओं की खूब दाद बटोरी।
देवबंद [24CN] : बुधवार को लाल मस्जिद पर हुए मुशायरे में हास्य व्यंग्य कवि साहित्यकार डा. शमीम देवबंदी ने अपने अंदाज में कुछ यूं कहा कि प्यार हम दोनों की जरूरत है, चलिए हम साथ-साथ चलते हैं। मुनीब शमीम ने पढ़ा कि उसका जीवन कोरा कागज है, उसका दिल भी आइने जैसा है। शमीम किरतपुरी ने पढ़ा कि वो जो करते थे हर बार हिमायत मेरी, जाने क्यों करते हैं इस बार बगावत मेरी। डा. पुष्पेंद्र कुमार ने अपने काव्य पाठ में कहा कि दिल है ऐसा तुझमें खोया, हर गम से बेगाना लिखा। चांद देवबंदी ने कहा कि दिल की धड़कन आंख का तारा जिंदाबाद, सबसे प्यारा देश हमारा जिंदाबाद नदीम अनवर ने सुनाया कि जरूरते मुझे आवाज दे रही हैं मगर, तुम्हारी याद से फुर्सत मिले तो काम करूं। इस दौरान मुख्य अतिथि लेखक अब्दुल्ला उस्मानी को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। अध्यक्षता डा. शमीम देवबंदी व संचालन डा. सादिक देवबंदी ने किया। डा. एसए अजीज, डा. नौशाद अली, शमीम अंसारी, फैसल, साजिद, फहीम खान डा. दिलशाद अहमद, मुमताज अहमद, डा. उसामा, आदि मौजूद रहे।
