संभल हिंसा मामले में HC ने खारिज की जनहित याचिका, पुलिस के लिए गाइडलाइन की मांग पर हस्तक्षेप से इनकार
प्रयागराज। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने संभल हिंसा मामले में दायर जनहित याचिका (पी आई एल) खारिज कर दी हैं। कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा जांच आयोग गठित कर दिया गया है। पुलिस के लिए गाइडलाइन की मांग पर कोर्ट ने हस्तक्षेप से इनकार करते हुए कहा कि आयोग जांच कर रहा। न्यायमूर्ति अरविंद कुमार मिश्र तथा न्यायमूर्ति गौतम चौधरी की खंडपीठ ने यह आदेश सुनाया है।
हिंसा में चार युवकों की हुई थी मौत
संभल में 24 नवंबर की सुबह जामा मस्जिद में सर्वे के दौरान हिंसा भड़क गई थी। तमाम लोग जामा मस्जिद के पीछे वाले रोड पर एकत्र होने लगे थे। भीड़ बेकाबू हो गई और पुलिस पर पथराव के साथ फायरिंग शुरू कर दी। वाहनों में आग भी लगाई। बमुश्किल पुलिस ने हालात पर काबू पाया था। हिंसा में चार युवकों की मौत हो गई थी।
तीन महिलाओं समेत 30 आरोपी भेजे गए जेल
इसके बाद उपद्रवियों की पहचान करने के लिए पुलिस की टीमों ने जांच करना शुरू कर दिया। सीसीटीवी फुटेज और अन्य फोटो के माध्यम से उपद्रवियों की पहचान की गई। कुछ उपद्रवी पहचान छिपाकर निजी अस्पतालों में इलाज करवा रहे हैं। हालांकि, कोतवाली पुलिस अभी तक सबूतों के आधार तीन महिलाओं समेत 30 आरोपितों को जेल भेज चुकी है।मंगलवार को कोतवाली पुलिस ने हिंसा करने में वांछित चल रहे नखासा थाना क्षेत्र के मुहल्ला शहबाजपुरा निवासी अजीम और नखासा के बड़ा बाजार निवासी हसन को उनके घर से गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बताया कि यह दोनों आरोपित हिंसा में घायल हुए थे और पहचान छिपाकर अपना इलाज मुरादाबाद के निजी अस्पताल में करा रहे थे।