हरियाणा के खनन माफिया युपी में यमुना की छाती कर रहे है छलनी, युपी को करोडो रूपये रायल्टी का लग रहा है चूना

हरियाणा के खनन माफिया युपी में यमुना की छाती कर रहे है छलनी, युपी को करोडो रूपये रायल्टी का लग रहा है चूना
युपी की सीमा में हरियाणा के खनन माफियाओ का खनन
  • यमुना में पडे युपी के किसानो के खेतो से अंधाधुंध खनन होने से परेशान है किसान
  • किसानो ने तहसील प्रशासन को लगायी गुहार, नहीं हुई कार्रवाई

नकुड [इंद्रेश त्यागी]। हरियाणा के खनन माफिया उत्तर प्रदेश में पोपलेन मशीनों से यमुना की छाती चीर रहे है। दिन रात चल रहे इस अवैध खनन से प्रदेश सरकार को करोडो का चूना तो लग ही रहा है कि प्रदेश के किसानों के खेतो में खनन होने से किसान भी परेशान है। खनन माफियाओ के भय से त्रस्त किसानों ने तहसील प्रशासन को जानकारी देकर खनन माफियाओ से उनके खेतो को बचाने की गुहार लगायी है।

उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जनपद की नकुड तहसील की सीमा हरियाणा के यमुना नगर व करनाल जनपदो से लगती है। नकुड तहसील के अंतर्गत आने वाला धुंधामाजरा गांव यमुना नदी के तट पर बसा है। गांव की कुछ जमीन यमुना से इस पार है तो कुछ जमीन नदी से उस पार हरियाणा की ओर है। हरियाणा प्रशासन ने अपनी सीमा में कुछ ठेकेदारो को यमुना से रेत का खनन करने का ठेका दे रखा है। ये लोग ठेके की आड में यमुना की छाती को छलनी कर रहे है। वे मनमाने ढंग से हरियाणा ही नही बल्कि उत्तर प्रदेश की सीमा में अवैध खनन कर रहे है।

धुंधामाजरा के किसान पूनम पत्नी संजय, राजकुमार, बलबीर सिंह, मुन्नर, जीतराम, शेरदीन, चंद्रकिरण, पवन सिंह, संजय कुमार, मामचंद, रामधन, रविकुमार, लाखन सिहं आदि ने बताया कि पिछले 15 दिनो से ये खनन माफिया उनके युपी में स्थित ग्राम धुंधामाजरा अहतमाल के ख0न0 162/31म, 166/44, 162/49 में स्थित खेतो में खनन कर रहे है।

उन्हेांने बताया कि उन्हे रोकने का प्रयास किया तो वे उन्हे धमका रहे है। इन किसानो ने विगत 15 अक्टुबर को तहसील मुख्यालय पर उपजिलाधिकारी संगीता राघव को अवैध खनन की जानकारी देते हुए शिकायत कर उनके खेतो को बचाने की गुहार लगायी। पंरतु कोई कार्रवाई नहीं हुई। 19 अक्टुबर को पिडित किसान एक बार फिर उपजिलाधिकारी से मिले तथा उनके खेतो में चल अवैध खनन करा रहे खनन को रोकन खनन माफियाओ के खिलाफ कडी कार्रवाई कराने की मांग की। किसानो ने बताया कि उपजिलाधिकारी के निर्देश पर लेखपाल गांव में आया। पंरतु उसने खेतो की निशानदेही करने के बजाये दूर से ही खडा होकर कह दिया जंहा वे खेत बता रहे है वह क्षेत्र हरियाणा का है। किसानो का आरोप है कि लेखपाल खनन माफियाओ से मिला हुआ है।

धुंधामाजरा अहमाल का रकबा बाढ में हो गया था दरियाबुर्द

किसानो का कहना है कि उन्होंने अपने खेत में बिजली का नलकुप लगा रखे थे। पंरतु यमुना की बाढ में यह जमीन दरियाबुर्द हो गयी थी। जमीन कटने के बाद पूरा क्षेत्र युमना में समा गया। अब यमुमना का पानी खेतो से पूर्व दिशा में बह रहा है। इसी का फायदा उठाकर हरियाणा के खनन माफिया उनके खेतों से पोपलेन मशीनो से खनन करवा रहे है।

रानीपुर बरसी में भी हो रहा है अवैध खनन

प्रशासन की नाक के नीचे रानीपुर बरसी अहमाल में प्रति दिन अवैध खनन जारी है। बताया जाता है कि कोतवाली पुलिस की मिलीभगत से शामली – अंबाला हाईवे पर निर्माणाधीन यमुना के पुल के पास कुछ लोग जेसीबी मशीनो से अवैध खनन करवा रहे है। ये लोग तडके चार बजे से पांच बजे के बीच अवैध खनन की पांच छः ट्रॉली प्रतिदिन नकुड व आसपास बेच रहे है।

दिन रात प्रतिदिन चार सौ से पांच सौ ट्रक रेत का खनन

आरोप है कि खनन माफिया उत्तर प्रदेश की सीमा में प्रतिदिन चार सौ से पांच सौ ट्रक रेत का खनन कर रहा है। किसानो ने चेताया कि यदि प्रशासन ने उनके खेतो में हो रहे अवैध खनन को नहीं रोका तो वे तहसील पर धरना देंगे। उधर जब इस बाबत एसडीएम संगीता राघव से फोन से संपर्क किया गया तो उन्होंने फोन ही नही उठाया।

बताया जाता है कि अगर हरियाणा के ठेके को सही भी मान लिया जाये तो ठेके की शर्तो के अनुसार ठेकेदार सुबह छः बजे से शाम छःबजे तक रेत का खनन कर सकता है। पंरतु खनन माफिया दिन-रात जम कर यमुना का दोहन कर रहे है।


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