हरियाणा चुनाव: केजरीवाल की रिहाई से कांग्रेस को झटका, भाजपा को लाभ

हरियाणा चुनाव: केजरीवाल की रिहाई से कांग्रेस को झटका, भाजपा को लाभ

चंडीगढ़: आम आदमी पार्टी (AAP) के संयोजक अरविंद केजरीवाल की जमानत पर रिहाई ने हरियाणा के आगामी चुनावों में उनकी पार्टी को नई ताकत दी है। विशेषज्ञों के मुताबिक, केजरीवाल का चुनाव प्रचार कांग्रेस के लिए नुकसानदायक हो सकता है, जबकि इससे भाजपा को फायदा होने की संभावना है। अगर कांग्रेस और AAP का गठबंधन होता तो भाजपा के वोट बैंक पर असर पड़ता, लेकिन अब दोनों दलों के बीच वोटों का बंटवारा तय माना जा रहा है।

जब केजरीवाल जेल में थे, तो उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने हरियाणा में पार्टी के अभियान को संभाला था। साथ ही राज्यसभा सांसद डॉ. संदीप पाठक और संजय सिंह ने भी इस दौरान अहम भूमिका निभाई।

कई चुनौतियों का सामना कर रहे हैं केजरीवाल

हालांकि, केजरीवाल के सामने कई चुनौतियां भी हैं। हरियाणा और पंजाब के बीच लंबे समय से विवादित एसवाईएल नहर मुद्दे पर उनकी स्थिति स्पष्ट नहीं है। पंजाब में वह राज्य के हितों का समर्थन करते हैं, जबकि हरियाणा में खुद को राज्य का बेटा बताते हैं और यहां की पानी की जरूरतों को स्वीकार करते हैं। पार्टी का यह दोहरा रवैया हरियाणा के लोगों को असमंजस में डाल रहा है।

हरियाणा चुनाव में आप का आक्रामक रुख

AAP ने 2024 के चुनावों में हरियाणा की सभी 90 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं। पार्टी ने भाजपा और कांग्रेस से टिकट न मिलने वाले नेताओं को शामिल कर उनके वोट बैंक में सेंध लगाने की कोशिश की है। भाजपा के पांच, कांग्रेस के तीन, और इनेलो के एक बागी को टिकट दिया गया है।

आप का दावा: भाजपा को करेंगे पराजित

हरियाणा आप के अध्यक्ष डॉ. सुशील गुप्ता ने केजरीवाल की रिहाई को भाजपा के खिलाफ एक बड़ी जीत बताया। उन्होंने कहा कि इससे भाजपा की झूठी राजनीति का पर्दाफाश हो गया है और अब आप हरियाणा के चुनावी मैदान में भाजपा को बुरी तरह पराजित करेगी।

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