मदरसों को शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत नोटिस दिए जाने पर जमीयत उलेमा हिंद कानून का उल्लंघन : हकीमुददीन कासमी

- बैठक में विचार व्यक्त करते मौलाना हकीमुददीन कासमी
देवबंद [24CN]। उत्तर प्रदेश के बागपत जिला में कई मदरसों को शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत नोटिस दिए जाने को जमीयत उलेमा हिंद ने कानून का उल्लंघन बताया है। साथ ही इस तरह के नोटिस भेजने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है।
बागपत के कई मदरसों को शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत यह कहते हुए नोटिस थमा दिया गया है कि ये मदरसे आरटी एक्ट के तहत स्वीकृत नहीं हैं। इसलिए उन्हें तुरंत बंद कर दिया जाए। अन्यथा एक लाख रुपये का जुर्माना भरना पड़ेगा। कुछ मदरसों पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया भी गया है। यह नोटिस बागपत के शिक्षा विभाग द्वारा जारी किया गया है।
इस सम्बंध में जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद असद मदनी के निर्देश पर जमीयत उलेमा की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित हुई जिसमें जमीयत उलेमा-ए-हिंद के महासचिव मौलाना हकीमुद्दीन कासमी ने भाग लिया। उन्होंने नोटिस के सम्बंध में कहा कि किसी तरह से घबराने की आवश्यकता नहीं है। मदरसों के सभी दस्तावेजों को तैयार कर लें और जो एक-एक लाख का नोटिस जारी किया गया है, उसके समबंध में डीएम बागपत को अपने जवाब से सूचित कर दें।
इसके मद्देनजर दिल्ली और बागपत में वकीलों से परामर्श करने के बाद जिला प्रशासन बागपत को क्षेत्र के 37 मदरसों का प्रतिनिधित्व करते हुए जमीयत उलेमा जिला बागपत के नाजिम हाफिज मोहम्मद कासिम ने एक जवाब प्रेषित किया कि शिक्षा का अधिकार संशोधन अधिनियम-2012 की धारा 2 (5) में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि यह कानून मदरसों, पाठशालाओं या धार्मिक संस्थाओं पर लागू नहीं होता है।
कानून से हटकर अकारण नोटिस बताया
जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद असद मदनी ने इस तरह की घटनाओं पर चिंता व्यक्त की है और कहा है कि कानून से हट कर अकारण नोटिस जारी करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। साथ ही मदरसे के लोग अपने क्षेत्र की जमीयत उलेमा से संपर्क करें, उनकी हर संभव मदद की जाएगी। बैठक में जमीयत उलेमा-ए-हिंद के कोषाध्यक्ष मौलाना कारी शौकत अली, जमीयत उलेमा बागपत के अध्यक्ष मुफ्ती अब्बास, जमीयत ओपन स्कूल के प्रभारी अब्दुल माजिद, जमीयत यूथ क्लब के जिला समन्वयक मौलाना फुरकान सहित अन्य ने भी बैठक में अपने विचार व्यक्त’