बैंडबाजों के साथ निकाली भव्य मंगल जल कलश यात्रा

बैंडबाजों के साथ निकाली भव्य मंगल जल कलश यात्रा
  • सहारनपुर में मंगल जल कलश यात्रा निकालते श्रद्धालु।

सहारनपुर[24CN]। श्री सिद्ध शिव मंदिर के वार्षिक उत्सव उपलक्ष में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के शुभारंभ श्रद्धालुओं द्वारा भव्य मंगल जलकलश यात्रा निकाली गई। शिव विहार स्थित श्री शिव मंदिर के वार्षिकोत्सव के उपलक्ष में निकाली गई भव्य मंगल जल कलश यात्रा में सर्वप्रथम सनातन धर्म ध्वजा उसके उपरांत गणपति महाराज गजरथ पर आरुढ़ हो चल रहे थे। उसके बाद 108 महिलाएं सिर पर मंगल कलश धारण कर चल रही थी और ज्ञानेंद्र पुंडीर, नरेंद्र पंवार, दिनेश ठाकुर, मनमोहन सिंह आईटीओ ने श्रीमद्भागवत महापुराण सिर पर धारण करके चल रहे थे और राधा कृष्ण एवं शिव पार्वती की झांकी जनमानस का मन आकर्षित कर रही थी। मानव साक्षात भगवान धरा पर उतर आए हो।

भागवत रथ पर कथा व्यास स्वामी कालेंद्रानंद महाराज आरूढ हो चल रहे थे। कृष्ण सिंह पुंडीर, दिनेश कुमार बंसल, रविंद्र पुंडीर को रथ सारथी बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। मंगल कलश शोभायात्रा श्री सिद्धेश्वर मंदिर से प्रारंभ होकर आवास विकास की मुख्य गलियों से होकर शिव विहार में कथा पंडाल मैं आकर संपन्न हुई। मुख्य मुख्य स्थानों पर मंगल कलश शोभा यात्रा का भव्य स्वागत किया गया लोगों के द्वारा पुष्प वर्षा माल्यार्पण किए गए एवं प्रसाद वितरण किया गया।

श्रीमद् भागवत कथा महापुराण कथा में अमृत वर्षा करते हुए स्वामी कालेंद्रनंद महाराज ने कहा की शिव महापुराण कथा श्रवण करने से जीवात्मा मोक्ष और मुक्ति को प्राप्त होता है कलयुग में श्रीमद्भागवत ऐसा आधार है जिसकी शरणागति होने पर जीवात्मा कर्म बंधन से मुक्त होकर श्री हरि के चरणों में वैकुंठ को गमन कर जाती है उन्होंने कहा प्रत्येक जीव श्रीमद्भागवत के आश्रय में रहे श्री हरि की भक्ति में लीन रहे निरंतर उसी के जब में रमण करता रहे तो श्रीहरि उसको अपनी शरणागति प्रदान कर अक्षय फल प्रदान करते हैं और अंत में से मोक्ष की प्राप्ति होती है। महाराज श्री ने कहा श्रीमद् भागवत कथा दुर्लभ है जिसके लिए देवता भी लालायित रहते हैं परंतु भगवान श्री कृष्ण की कृपा से यह कथा मानव मात्र के उत्थान और उद्धार के लिए है।

इसीलिए प्रत्येक जीव को कथा श्रवण कर उसे अपने जीवन में धारण कर उसी के आधार पर जीवन यापन रो करना चाहिए जिससे इस संसार में कोई पाप ना लगे और अंत में उसे श्री हरि के चरणों का अनुराग प्राप्त हो जाए। जल कलश यात्रा में आचार्य अंबा प्रसाद कौशिक, आचार्य ऋषभ शर्मा, पंडित नीरज मिश्रा, पंडित मयंक शर्मा, अनिल कुमार सिंघल, प्रदुमन मित्तल, संजीव कुमार मित्तल, अशोक गुलाटी, अमित शर्मा सहित भारी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।


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