कोरोना से मौत में मिले मुआवजा, पर रकम सरकार तय करें, सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला

- कोरोना महामारी में जान गंवाने वालों के परिवारों को मुआवजे पर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने केंद्र को कोरोना से हुई मौतों को लेकर पीड़ित परिवारों को मुआवजा देने का आदेश दिया है.
नई दिल्ली: कोरोना वायरस महामारी में जान गंवाने वालों के परिवारों को मुआवजे पर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को कोरोना से हुई मौतों को लेकर पीड़ित परिवारों को मुआवजा देने का आदेश दिया है. साथ ही कोर्ट ने मुआवजे की राशि सरकार से खुद तय करने को कहा है. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने कोई निश्चित राशि के मुआवजे का आदेश देने से इनकार कर दिया है. देश की सर्वोच्च न्यायालय ने कोरोना के चलते होने वाली मौत में डेथ सर्टिफिकेट देने की प्रकिया को भी सरल बनाने के निर्देश दिए हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने आदेश में माना है कि कोरोना से हुई हर मौत में परिवार को आर्थिक मदद मिलनी चाहिए. हालांकि ये राशि कितनी हो, ये कोर्ट तय नहीं कर सकता. ये तय करना केंद्र का काम है. नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट ऑथोरिटी (NDMA) की ये वैधानिक जिम्मेदारी बनती है कि वो ऐसी मौत के मामले में मुआवजा तय करें. कोर्ट ने कहा कि NDMA 6 हफ्ते में गाइडलाइन बनाकर राज्यो को निर्देश दे.
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि अदालत के लिए कोई निश्चित राशि के मुआवजे का आदेश देना सही नहीं है. सरकार को महामारी से पैदा हुई आर्थिक चुनौतियों से निपटने के साथ साथ प्रवासी मजदूरों के लिए भोजन, शरण, ट्रांसपोर्ट क व्यवस्था करनी है. पर NDMA इस सबंध में दिशानिर्देश बनाये. मुआवजा तय करना उसकी वैधानिक जिम्मेदारी है.
इससे पहले केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि मामला सिर्फ पैसे का नहीं, बल्कि संसाधनों के तर्कसंगत और विवेकपूर्ण इस्तेमाल का है. अगर राज्यों को हर मृत्यु के लिए 4 लाख रुपए के भुगतान का निर्देश दिया गया तो उनका आपदा प्रबंधन फंड खत्म हो जाएगा. इससे कोरोना से निपटने की तैयारी के साथ ही भूकंप, बाढ़, चक्रवात जैसी प्राकृतिक आपदाओं से भी लड़ पाना लगभग नामुमकिन हो जाएगा.