मणिपुर पर सरकार चर्चा को तैयार, गृह मंत्री ने विपक्ष पर उठाया सवाल; आज भी हंगामे के आसार

नई दिल्ली। मणिपुर में जारी हिंसा पर चर्चा कराने को लेकर संसद के बाहर और भीतर सरकार तथा विपक्ष के बीच जारी संग्राम के चलते लगातार तीसरे दिन संसद की कार्यवाही नहीं चल पाई। गृह मंत्री अमित शाह ने चर्चा के लिए सरकार के तैयार होने की सदन में घोषणा कर गतिरोध तोड़ने के लिए सत्ता पक्ष की पहल का संदेश दिया। मगर प्रधानमंत्री के सदन में बयान के बाद विशिष्ट नियमों के तहत चर्चा की मांग पर कायम विपक्ष को यह पेशकश मंजूर नहीं हुआ। गृह मंत्री ने विपक्ष पर चर्चा से भागने का आरोप लगाया। वहीं सरकार की पेशकश को प्रतीकात्मक मानते हुए विपक्षी गठबंधन ने दोनों सदनों में हंगामा-नारेबाजी की। संसद के मानसून सत्र का आज चौथा दिन है, आज भी सदन में मणिपुर हिंसा को लेकर हंगामा होने के आसार हैं।
सोमवार को गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में संक्षिप्त टिप्पणी के दौरान कहा, मैं मणिपुर की स्थिति पर लोकसभा में चर्चा का इच्छुक हूं, लेकिन पता नहीं विपक्ष ऐसा क्यों नहीं चाहता। उनका यह भी कहना था कि विपक्षी नेताओं को सदन में बहस करनी चाहिए, क्योंकि मणिपुर की सच्चाई देश के सामने आना जरूरी है। विपक्ष ने इस पेशकश को ठुकरा दिया और हंगामे के बीच लोकसभा पूरे दिन के लिए स्थगित हो गई।
इससे पूर्व सुबह में स्पीकर ओम बिरला और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी उत्तेजित विपक्षी सदस्यों को अल्पकालिक चर्चा के लिए राजी होने का प्रस्ताव दिया, मगर विपक्ष ने इसे खारिज कर दिया। राजनाथ सिंह ने गतिरोध खत्म करने के लिए सुबह में राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से भी बात की, लेकिन हल नहीं निकला। खरगे ने कहा कि पीएम मोदी ने मणिपुर मुद्दे पर सदन के बाहर बोलने का विकल्प चुनकर संसद का अपमान किया है। जब सत्र चल रहा हो तो प्रधानमंत्री को सदन में बोलना चाहिए।
अलग-अलग नियमों के तहत चर्चा कराना चाहते हैं दोनों पक्ष
विपक्ष पहले प्रधानमंत्री के सदन में बयान देने और फिर लोकसभा में नियम 184 तो राज्यसभा में नियम 267 के तहत चर्चा की मांग पर अड़ा हुआ है। इन नियमों के तहत लंबी चर्चा के बाद वोटिंग का भी प्रविधान है। सरकार लोकसभा में नियम 193 और राज्यसभा में नियम 176 के तहत चर्चा के लिए तैयार है। इसके तहत चर्चा अल्पकालिक होती है और मतदान भी नहीं कराया जाता है। चर्चा का जवाब भी संबंधित मंत्री देते हैं।
आप सांसद संजय सिंह समूचे मानसून सत्र के लिए निलंबितजागरण ब्यूरो, नई दिल्लीआप सांसद संजय सिंह को मणिपुर मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन करते हुए सभापति के निर्देशों का बार-बार “उल्लंघन: करने पर समूचे मानसून सत्र के लिए राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया। विपक्षी दलों ने सिंह के खिलाफ कार्रवाई की निंदा की और सरकार पर उनकी आवाज दबाने की कोशिश करने का आरोप लगाया।
मणिपुर मुद्दे पर चर्चा को लेकर हंगामे के बीच संजय सिंह आक्रामक होकर वेल में आ गए। सभापति जगदीप धनखड़ ने सिंह को उनके “अनियंत्रित व्यवहार” के लिए चेतावनी दी। संजय सिंह को निलंबित करने के लिए सदन के नेता पीयूष गोयल ने एक प्रस्ताव पेश किया, जिसे ध्वनिमत से स्वीकार कर लिया गया। सभापति ने इसके बाद सदन स्थगित कर दिया। हालांकि संजय सिंह सदन से नहीं निकले। आखिरकार तीन बजे राज्यसभा पूरे दिन के लिए स्थगित हुई तो बाहर आकर अपने निलंबन को विपक्ष की आवाज दबाने का प्रमाण करार दिया।
विपक्षी सांसद निलंबन के खिलाफ पहले सभापति के कक्ष में पहुंचे तो उन्होंने गतिरोध खत्म करने के लिए सदन के नेताओं की बैठक में चर्चा की बात कही। विपक्षी सांसद इस बैठक में पहुंचे तो सभापति ने राघव चड्ढा को इसमें शामिल होने की अनुमति इस आधार पर नहीं दी कि वह सदन में पार्टी के नेता नहीं हैं। विपक्षी नेताओं ने तर्क दिया कि संजय सिंह के निलंबन के बाद चड्ढा पार्टी का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। सभापति ने इसे खारिज कर दिया। तब विरोध में गठबंधन ने धनखड़ की बैठक का बहिष्कार किया।
रातभर धरना देंगे विपक्षी नेता
विपक्षी गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव एलायंस (इंडिया) के नेता संजय सिंह के निलंबन के खिलाफ और प्रधानमंत्री से सदन में मणिपुर पर बयान देने की मांग को लेकर सोमवार को रातभर संसद परिसर में अपना आंदोलन जारी रखेंगे। इस दौरान विपक्षी नेता गांधी प्रतिमा के समक्ष धरना देंगे। संजय सिंह भी इस धरने में शामिल होंगे। विपक्षी नेताओं का यह प्रदर्शन मंगलवार को भी जारी रहेगा। विपक्ष के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, “पार्टियों ने अपने नेताओं के बारी-बारी से धरना स्थल पर मौजूद रहने का पूरा खाका तैयार किया है। यह तय किया गया कि कौन-कौन से नेता अलग-अलग समय पर धरने में शामिल होंगे। विपक्षी दलों में पूरी एकजुटता है। यह संजय सिंह के निलंबन के खिलाफ है। हम इस मांग को लेकर भी प्रदर्शन कर रहे हैं कि प्रधानमंत्री मोदी मणिपुर के विषय पर संसद के भीतर बयान दें।”
आप ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया, जाएगी कोर्ट
संजय सिंह को राज्यसभा से निलंबित करने को आप नेता व दिल्ली सरकार में कैबिनेट मंत्री सौरभ भारद्वाज ने दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है। उन्होंने कहा कि अब इस मसले में उनकी पार्टी की कानूनी टीम अदालत का रुख करेगी। उन्होंने कहा कि अगर संजय सिंह जनता के हित में आवाज उठाते हुए निलंबित हुए हैं, तो हमें कोई दुख नहीं है।